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प्रत्यय ( परतइय )
जो शब्दांश शब्दों के बाद लगकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं या उसके अर्थ को बदल देते है ,प्रत्यय कहलाते हैं।खोरठा भाषा में प्रत्यय से बने शब्द :–
परतैय ( प्रत्यय ) सबद ( शब्द )
(1)अइल —बजकइल (कहा) ,गुडइल ( गुस्सा कर देखना ) , बिगड़इल ( बदमाश )
(2)अइन — बछवइन( बछ सब ) , गीदरअइन (बच्चा सब )
(3)आहिक — गेलाहिक (गये हैं ) , सुतलाहिक ( सोये हैं ), भेंसाहिक ( मुँह बनानेवाली )
(4)आड़ी –अगुआड़ी ( आगे वाला) , पछुआड़ी (पीछे वाला ) , अनाड़ी ( अन्जान )
(5)इअइ– गछलिअइ (वादा किये ) , गेलिअइ (गये ) , सुतलीअइ ( सोये ) , खइलिअइ ( खाये ) ,कांदलिअइ ( रोये )
(6) इयो — दुइयो (दोनों ) ,जनियो ( औरत भी )
(7)इ– डिहराइ (रास्ता पर चलने वाला ) , बड़ाइ ( प्रशंसा )
(8) उका — भतखउका ( भात खाने वाला ) ,माइरखउका ( मार से ही बात सुननेवाला )
(9) कुन — तनिकुन (थोड़ा सा ) , जरिकुन ( थोड़ा सा ) , कुन -कुन ( बड़बड़ाना ) , बेसकुन ( अच्छाखउ — नखउ (नहीं है )
(11)थि– नखथि ( नहींहैं ) , गइलथि ( गये हैं ) , सुतथि ( सोयेगें )
(12) गुलअइन — गीदरगुलअइन ( बच्चे सब ) , ऊगुलइन ( वह सब ) , छोंड़ी गुलअइन (बच्चियाँ सब ) , पठरूगुलइन (बकरियाँ सब )
(13)गर –लुइगर (काम जानने वाला ) ,बेसगर (अच्छा ) ,एसगर (अकेले ) , जोरगर (ताकतवाला ) , बोलकर ( बोलने वाला ) ,खादगर ( उपजाऊ )
(14) छा — मइलछा (गंदा ) , गमछा ( तौलिया ) ,निंगछा ( डर भगाना )
(15) टा — उटा ( वह वाला ) ,रेंगटा ( गंदा शरीर ) , सौंटा ( छड़ी )
(16) टी — नकटी (कटा नाक वाली ) , चेपटी ( गाल धँसा हुआ , दुबला – पतला )
(17) तलइ — करतलइ (करते) , बोलतलइ (बोलते) , मारतलइ ( मारते ) , देतलइ ( देते )
(18)मुटुक — तनिमुटुक ( छोटा सा )
(19)लक –छाँटलक ( चुना ) ,गेलक ( गया ) ,सुतलक ( सोया )
पीटलक ( पीटा ) ,काँदलक ( रोया ) ,बुझलक ( समझा )
(20)वइया — गँवंइया ( गाँव का आदमी ) , गववइया ( गानेवाला )