खोरठा भाषा का परिचय

खोरठा भाषा का परिचय | Introduction of Khortha language

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भारत का अठ्ठाइसवाँ राज्य झारखण्ड प्रजातिय ,सांस्कृतिक और भाषायी दृष्टि से एक अदभुत प्राकृतिक प्रदेश है।अदभुत प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित इस प्रदेश में कई जनजाति और गैर-जनजाति समुदाय के के लोग युगों से एक समन्वित संस्कृति का विकास हुआ है । जीवन के विविध कर्मों में परस्पर सहयोग -सहकार से यहाँ एक समन्वित सस्कृति का विकास हुआ है।यह संस्कृति,समतावाद,श्रमशीलता और उच्च्तर सामाजिक व मानविय मूल्यों की पृष्ठपोषक है ।

विशिष्ट भौगोलिक ,सांस्कृतिक अस्मिता से युक्त इस झारखण्ड प्रदेश में पारंपरिक रूप से निवास करने वाले मूल निवासियों के रूप में प्रायः एक दर्जन से अधिक भाषाएँ प्रचलित है,जिनमें से नौ को सरकारी स्तर से मान्यता प्राप्त है ,इन नौ भाषाओं में अविभाजित बिहार से पठन -पाठन का प्रावधान किया गया है। सरकारी स्तर से मान्यता प्राप्त इन नौ भाषाओ में एक खोरठा है। इसे झारखण्ड की जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के प्रकार के अन्तर्गत क्षेत्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई।

खोरठा मूलतःझारखण्ड के सदानों की भाषा है ।किन्तु यह अपने क्षेत्र के कई जनजाति समुदायों की भी मातृभाषा है।साथ ही दो पृथक भाषी समुदायों तथा जनजाति और सदानों के बीच सम्पर्क भाषा के रूप में युगों से प्रचलित है।

खोरठा को झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर ,संताल-परगना पलामू प्रमण्डल के कुल 15 जिलों के अतिरिक्त दक्षिण छोटानागपुर के राँची जिले के भी आशिक क्षेत्र के मूल निवासियों विचार विनिमय का पारम्परिक साधन है ।यह सम्बंधित क्षेत्र में कुल निवासियों के विचार-विनिमय का पारम्परिक साधन है ,यह सम्बंधित क्षेत्र के सभी जाति समुदायों व सम्प्रदायो द्वारा बोली जाती है।

इस भाषा को झारखंड के अतिरिक्त देश के अतिरिक्त के देश के अन्य प्रदेशों -पश्चिम -बंगाल ,असम,आन्दमान के साथ -साथ मारिसस में बोली जाती है।खोरठा की भाषा पारिवारिक संबद्धता के सम्बंध में विद्धवानों में पर्याप्त मतभेद है ,कोई इसका उत्स सिंधुघाटी की सभ्यता में ढूंढेते है ,तो कोई इसका विकास प्राकृत से मानते है,किन्हीं का मत है कि यह प्रकृति की ध्वनियों से निष्पन्न है।

वस्तुतः खोरठा की प्रकृति -प्रवृति आर्यभाषा कुल के साथ ही आग्नेय और द्रविड़ कुल की भाषाओं के विपुल प्रभाव से युक्त है।इसलिए इसमें आग्नेय और द्रविड़ और भारोपीय (आर्य )परिवार के भाषाओं के तत्वों का समन्वित रूप में पाया जाता है।खोरठा का लोक साहित्य सम्बृध है।

इन्हें भी पढ़े (Read Also) :

: JSSC Forest Guard Exam Question Paper 2014

: Best 48 Objective Question of Jharkhand

Q . खोरठा मूलतः किन लोगो की भाषा ?

Ans = खोरठा मूलतः झारखण्ड के सदानों की भाषा है ।

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