हिन्दी शब्द खोरठा शब्द
अरे ऐरे
आश्चर्य जनक हकबकाएक जइसन
अरी ( छोटी लड़की को ) ऐरी (छोट बेटी छउवा के )
अभी अखन
अभी भी अखन तो
अभी नहीं अखन नाञ
इसी से एकर से
इसी में से एकर में से
इसमें एकर में
इस स्थान पर ई ठिना
इस तरफ ई दने
इस दिन ऊ दिन
ऐसा अइसन
क्या कि
क्या जाने केजन
क्यों काहे
कब कखन
किस प्रकार का कउनतरीक
कहाँ कहाँ
कितना केतना
कैसे कितरी/का तरी
क्या कारण है कि कारन हइ
क्योंकि काहेकि
कोई भी कोनो टा
किसी ओर कोनो दने
किस प्रकार का कउन किसिम के
कहीं पर कहुँ ठिन
किस प्रकार कउन किसिम
के लिए खातिर
कौन वस्तु कउन जिनिस
किस प्रकार का कउन तरी के
क्यों काहे
जों-सो जे – से
ठहरो रूक
था हलइ
नहीं नाञ
नमस्ते पइरनाम
तब भी तखनउव
फिर भी फिइनो
यहाँ है हियां हइ
यहाँ हियां
यह ( सजीव के लिए ) ईटा
वह ( निर्जीव के लिए ) ऊटा
शायद , भाग्यवश होइ सके हे तकदीर से
सन्देह जनक हां-नाञ जइसन