खोरठा भाषा में लोकगीत

खोरठा भाषा में लोकगीत
खोरठा भाषा में लोकगीत

खोरठा भाषा लोकगीत जिसमें राष्ट्रीयता की भावना झलकती है:-

         शीर्षक

‘ तीन रंगे का धाजा ‘

    कउन देसे तीन रंगे धाजा लहर – हइ

    कउन देसे लोकें रे दाया

    सत्य अहिंसा के गीता गावई

   भारत देंसें तीन रंगेक धाजा जलर – हइ

  से हे देसेक  लोंके रे दाया

  सत्य अहिंसा के गीता गावई

  कउन देसें हिन्दू ,मुसलमान ,सिक्ख ,इसाय

    आपन पिरितियें रे दाया

   संउसे बगीचवा के महकावइ

 भारत देसें हिन्दू ,मुसलमान ,सिक्ख इसाय

   आपन पिरितियों रें दाया

  संउसे बगीचवा के महकावइ

   कउन देसेक हावा – पानी जिनगीक संचार करइ

  कउन देसेक माटी रे दाया

  हामनी के आयाँ रूपें माञ लागी

 भारत के हावा – पानी जिनगीक संचार करइ

 से हे देसेक माटी रे दाया

 हमनी के आँया रूपें माञ लगी ।

                            कवि – महाबीर प्रसाद

कविता का भावार्थ खोरठा में :-

ई लोकगीतेक कवि महाबीर प्रसाद हथिन ।कवि बटे ई गीते प्रसन करल गेल हे आर ओकर संगे  उतरोव देल गेल हे । कवि कहs हथिन कि कउन देसे तीन बरंग के झनडा फहइर रहल हे? कउन देसेक मानुस सच आर अहिनसा  के गीत गावे हे ? ऊ कहs हथिन ऊ देस भारत हे। फिनउ कवि कहs हथिन कउन देसे हिन्दू ,जोल्हा, पंजाबी आर किरिस्तान सभे दोसर के आपन बूझे हथिन ? ऊ देस टा भारत हे । कवि आखरी में पूछे हथिन – ऊ कउन देस हे जेकर हवा- पानीये जिनगीक रस बोहे हे ? ऊ कउन देस हे जेकर माटी हमनिक माय हे ? कवि कहs हथिन ऊ देश भारत हे।

लोकगीत का खोरठा शब्दार्थ –

कउन      =    कैसे

देसे       =   देश में

रंगेक      =  रंग का

 धाजा    =   ध्वजा 

लहर      =   फहराना

हइ       =   है

लोके     =   लोगो में

दाया     =  आश्चर्य सूचक ,पूरक शब्द

गावइ    =  गाया जाता है

आपन    =  अपना

पिरितिये   =  समझा जाता है

संउसे     =   सम्पूर्ण

बगीचवा   =   बगीचा को

महकावइ   =    महकाता है

हामनी     =    हमलोगों का

आयाँ      =    एक दम से

रूपें      =  रूप में

माञ      =   माँ

लागी      =   लगता है

जिनगीक   =    जीवन का

करइ       =     करता है

से          =     सो

 लोकगीत का हिन्दी भावार्थ-

 इस लोकगीत के कवि महावीर प्रसाद हैं । कवि द्वारा इस गीत में प्रश्न किये जाते हैं और उसके साथ उत्तर  भी दिया गया है । कवि कहते हैं कि – किस देश में तीन रंगो का ध्वज लहराता है ? किस देश के लोग सत्य और अहिंसा के गीत गाते हैं ? वे कहते हैं ,वह देश भारत है। पुनः कवि कहतें हैं किस देश के मुसलमान ,सिक्ख इसाई सभी एक दूसरे को अपना समझते हैं ? वह देश है भारत है । कवि अन्तिम में पूछते हैं – वह कौन सा देश है जिसकी मिट्टी हमारी माँ है ? कवि कहते है वह देश हमारा भारत है।

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