नागपुरी भाषा व्याकरण ( अव्यय )

नागपुरी भाषा व्याकरण ( अव्यय )

परिभाषा

अव्यय इसन सबद के कहल जायला जेकर रूप में लिंग ,वचन ,पुरुष कारक मन में कोनो विकार (बदलाव) नि होवेला ।

अव्यय चाइर गो होयँना –

1. काल वाचक अव्यय

2. स्थान वाचक अव्यय

3. दिसा वाचक अव्यय

4. स्थिति वाचक अव्यय

1. काल वाचक अव्यय = इकर से समय कर बोध होवेला ।

जयसे – आइज,अब,तब,कखनो,रोज,कहियो,जबसे,जोन बेरा,

       उखन,कखन,जखन, तखन,मने,

       आब राउरे घर जाउ ।

       ऊ कखन आवी सेकर पता नखे ।

       ऊ रोज स्कूल जायला ।

       काहिया बिहा होवी ।

2. स्थान वाचक अव्यय = इकर से ठाँव कर बोध होवेला ।

जयसे – हियाँ,हुँवा,कहाँ,जहाँ

       ऊ हिया रहेला ।

       तोंय कहाँ जाबे ।

       जहाँ रउरे ही हुवाँ हम ही ।

3. दिसा वाचक अव्यय = इकर से दिसा कर बोध होवेला ।

 जयसे –   हिने हुने, जने-तने, लेंगा-भतखइया ,आर-पार,अकास-पताल ।            

4. स्थिति वाचक अव्यय = जेकर से स्थिति इया ठाँव कर बोध होवेला ।

जयसे – आगे-पाछे,उपर-नीचे,आमने-सामने,बाहरे-भीतरे ।

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