परिभाषा
अव्यय इसन सबद के कहल जायला जेकर रूप में लिंग ,वचन ,पुरुष कारक मन में कोनो विकार (बदलाव) नि होवेला ।
अव्यय चाइर गो होयँना –
1. काल वाचक अव्यय
2. स्थान वाचक अव्यय
3. दिसा वाचक अव्यय
4. स्थिति वाचक अव्यय
1. काल वाचक अव्यय = इकर से समय कर बोध होवेला ।
जयसे – आइज,अब,तब,कखनो,रोज,कहियो,जबसे,जोन बेरा,
उखन,कखन,जखन, तखन,मने,
आब राउरे घर जाउ ।
ऊ कखन आवी सेकर पता नखे ।
ऊ रोज स्कूल जायला ।
काहिया बिहा होवी ।
2. स्थान वाचक अव्यय = इकर से ठाँव कर बोध होवेला ।
जयसे – हियाँ,हुँवा,कहाँ,जहाँ
ऊ हिया रहेला ।
तोंय कहाँ जाबे ।
जहाँ रउरे ही हुवाँ हम ही ।
3. दिसा वाचक अव्यय = इकर से दिसा कर बोध होवेला ।
जयसे – हिने हुने, जने-तने, लेंगा-भतखइया ,आर-पार,अकास-पताल ।
4. स्थिति वाचक अव्यय = जेकर से स्थिति इया ठाँव कर बोध होवेला ।
जयसे – आगे-पाछे,उपर-नीचे,आमने-सामने,बाहरे-भीतरे ।