परिभासा
जे संज्ञा चाहे सर्वनाम के बिसेसता के बतायला उके बिसेसन कहल जायला ।
या
बिसेसन एगो इसन बिकरी सबद हेके जे हर हालइत में संज्ञा चाहे सर्वनाम कर बिसेसता बतायला ।
जइसे – हरियर गछ , बेस आदमी ।
बिसेसन कर काम
बिसेसन कोनवे अदमी ,जिनिस , चीज-बसुत कर बिसेसता बतायला,उकर कमी बेसी के बतायला ,उकर अरथ के गोटेक सीमा में बांधेला ,संख्या कर बोध करूवायला इया मात्रा के बतायला ।
परा बिसेसन
जे सबद बिसेसन कर बिसेसता बतायला उके परा बिसेसन कहयँना ।
जयसे – भंइस अंधार, चुह-चुह पियर, टह-टह इंजोरिया ।
बिसेस्य
बिसेसता बतायक वाला सबद बिसेसन हय तो जोन संज्ञा चाहे सर्वनाम के ऊ बिसेसता के बतायला ऊ बिसेस्य (विशेष्य) कहायला ।
जयसे – दुखी जनाना ,नावाँ घर ,करिया कूकर ,घवाइल छोंड़ा ,सुन्दर छोड़ी , बेस आदमी ,पीयर पतइ ।
बिसेसन के भेद (प्रकार)- 3
1. सार्वनामिक बिसेसन
2. गुणवाचक बिसेसन
3. संख्यावाचक बिसेसन
1. सार्वनामिक बिसेसन
सर्वनाम जब कोनो संज्ञा कर पहिले आवेला । तब ऊ सार्वनामिक बिसेसन कहायला ।
जयसे – ई पोरा गांज ,ऊ कुम्बा ,हियाँ पोरा गांज ,कुम्बा ,धांगर कर पहिले विशेषण कर रूप में ई,ऊ, कोनो सर्वनाम आय हे सेले ई ‘सर्वनामिक विशेषण’ हय ।
सार्वनामिक बिसेसन कर दूइ भेद होवेला –
(क) मैलिक सार्वनामिक बिसेसन – जे बेगर कोनो बदलाव के संज्ञा कर पहीले आवेला ऊ मौलिक सार्वनामिक बिसेसन कहायला । जयसे – ऊ धांगर , ऊ कुरिया ।
(ख) यौगिक सार्वनामिक बिसेसन – जे मूल सार्वनाम मे प्रत्यय लगाले बनेला । जयसे – इसन आदमी ,कइसन घर ।
2. गुणवाचक बिसेसन
जोन सबद से संज्ञा कर गुन,दोस,दसा,सोभाव,प्रकार,समय कर पता चले ,उके गुणवाचक बिसेसन कहल जायला ।
जयसे –
गुन – बेस,बेकार,सच्चा,कंजूस,झूठा,दानी ।
रंग – पियर,हरिहर,चरका,धुंधर,करिया ।
काल – वर्तमान,भविस,नावाँ,पुरना,अइगल,पइछला भूत,बासी ।
दसा – गरीब,धनी,भारी,गीला,मोट,दुबर,सुखल ।
आकार – चाकर,चोख,लम्बा,गोल,भोथर ।
गुणवाचक बिसेसन के पाँच प्रकार =
(क) गणना वाचक
(ख) क्रम वाचक
(ग) आवृति वाचक
(घ) समुदाय वाचक
(ङ) प्रत्येक वाचक
3. संख्यावाचक बिसेसन
जोन सबद से संख्या चाहे सर्वनाम कर संख्या कर पता चलेला उके संख्यावाचक बिसेसन कहल जायला ।
जयसे – सउब छोड़ी,चाइर बछरू ।
संख्यावाचक बिसेसन कर तीन भेद होवेला –
(क) निश्चित संख्यावाचक बिसेसन – जब संज्ञा चाहे सर्वनाम कर निश्चित संख्या बतायक वाला बिसेसन निश्चित संख्यावाचक बिसेसन कहायला । जयसे – एगो छोड़ा ,छव रूपिया ।
(ख) अनिश्चित संख्यावाचक बिसेसन – इकर से कोनों निश्चित संख्या कर बोध नी होवेला । जयसे – सउब गरु ,कुछ छोड़ा ।
(ग) परिमान बोधक बिसेसन – जोन बिसेसन से कोनवे जिनिस चाहे वस्तु कर नाप इया तौल कर बोध होवेला । जयसे – पइला भइर चाउर, सेर भइर दुध ।
परिमान बोधक बिसेसन कर दूइ भेद होवेला –
(क) निश्चित परिमान बोधक बिसेसन
(ख) अनिश्चित परिमान बोधक बिसेसन