बुद्धि

बुद्धि Notes for CTET EXAM | Intelligence Notes for CTET EXAM

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बुद्धि एक व्यक्ति को उसके जीवन की वास्तविक समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है बुद्धि के माध्यम से ही व्यक्ति अपनी हर समस्या का समाधान करता है

परिभाषायें :- बिने – बिने का कहना है बुद्धि में चार चीजें आती हैं ज्ञान, आविष्कार, निर्देश,आलोचना (सकारात्मक या नकारात्मक ) टर्मन – अमूर्त विचारों की योग्यता बुदधि है ।

» वुडवर्ड – चीजों को पहचानने की योग्यता बुद्धि कहलाती है गाल्टन – अमूर्त विचारों की योग्यता बुद्धि कहलाती है.

बुद्धि के प्रकार (Type of Intelligence) गैरिट और थार्नडाइक के अनुसार बुद्धि के तीन प्रकार होते हैं :-

1. मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence) :- मूर्ति बुद्धि से अभिप्राय जो चीजें हमारे सामने होती हैं मूर्त का मतलब प्रत्यक्ष जिन चीजों को देखकर हम कार्य करते हैं मूर्त बुद्धि के अंतर्गत आती हैं। इसको गामक या यांत्रिक बुद्धि भी कहते हैं > इंजीनियर, मकैनिक, कारीगर मूर्त बुद्धि के ही उदाहरण है ।

2. अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence) :- जो बुद्धि हमें दिखाई नहीं देती जो भावनाओं और विचारों से संबंधित होती है इसमें किताबी ज्ञान होता है कवि, डॉक्टर, चित्रकार अमूर्त बुद्धि के उदाहरण है

3. सामाजिक बुद्धि ( Social Intelligence)- जो समाज सेवी होते हैं समाज के लिए कार्य करते हैं सामाजिक बुद्धि में आते हैं

» नेता, व्यवसायी, समाजसेवी, अध्यापक आदि सामाजिक बुद्धि के उदाहरण हैं

*1885 ई. मैं सर्वप्रथम इंग्लैंड के फ्रांसीसी गाल्टन ने बदधि शब्द का प्रयोग किया

 *1890 ई. में कैटल ने पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय में मेंटल टेस्ट एवं मैनेजमेंट मानसिक परीक्षण एवं मापन नामक पुस्तक का प्रकाशन किया

*1890 ई. में कैटल ने ही मानसिक परीक्षण शब्द का प्रयोग किया *1905 ई. में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण बिने साइमन बुद्धि परीक्षण तैयार किया गया

1. मूर्त बुद्धि (Concrete Intelligence) :- मूर्ति बुद्धि से अभिप्राय जो चीजें हमारे सामने होती हैं मूर्त का मतलब प्रत्यक्ष जिन चीजों को देखकर हम कार्य करते हैं मूर्त बुद्धि के अंतर्गत आती हैं।

इसको गामक या यांत्रिक बुद्धि भी कहते हैं > इंजीनियर, मकैनिक, कारीगर मूर्त बुद्धि के ही उदाहरण है

2. अमूर्त बुद्धि (Abstract Intelligence) :- जो बुद्धि हमें दिखाई नहीं देती जो भावनाओं और विचारों से संबंधित होती है इसमें किताबी ज्ञान होता है कवि, डॉक्टर, चित्रकार अमूर्त बुद्धि के उदाहरण है

3. सामाजिक बुद्धि ( Social Intelligence)- जो समाज सेवी होते हैं समाज के लिए कार्य करते हैं सामाजिक बुद्धि में आते हैं

» नेता, व्यवसायी, समाजसेवी, अध्यापक आदि सामाजिक बुद्धि के उदाहरण हैं

*1885 ई. मैं सर्वप्रथम इंग्लैंड के फ्रांसीसी गाल्टन ने बदधि शब्द का प्रयोग किया

*1890 ई. में कैटल ने पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय में मेंटल टेस्ट एवं मैनेजमेंट मानसिक परीक्षण एवं मापन नामक पुस्तक का प्रकाशन किया *1890 ई. में कैटल ने ही मानसिक परीक्षण शब्द का प्रयोग किया *1905 ई. में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण बिने साइमन बुद्धि परीक्षण तैयार किया गया

*1908 ई. में अल्फ्रेड बिने ने मानसिक आयु शब्द का प्रयोग किया *1912 ई. में सर्वप्रथम स्टर्न और कुहलमान के द्वारा बुद्धि लब्धि का सूत्र दिया गया इन्होंने 1912 में बुद्धि लब्धि का सूत्र दिया

सूत्र – मानसिक आय वास्तविक आय/1A

*1916 ई. में टर्मन के द्वारा बुद्धि लब्धि का संशोधित सूत्र दिया इन्होंने संशोधन किया वह था सूत्र

मानसिक आयु 100/ वास्तविक आयु X 100/ और यही हमारा वर्तमान में आइ क्यू।. Q मापने का सूत्र है

बुद्धिलब्धि और उसकी स्थिति बुद्धिलब्धि

photo 2022 08 20 10 47 57

स्थिति 25 से कम जड़ बुद्धि या महामूर्ख 25-49

मूर्ख बुद्धि 50-69

अल्प बुद्धि

70-79

80-89

90-99

100-110

क्षीण ( हीन) बुद्धि मंदबुद्धि निम्न सामान्य बुद्धि उच्च सामान्य बुद्धि प्रखर श्रेष्ठ बुद्धि उत्कृष्ट बुद्धि अति उत्कृष्ट बुद्धि प्रतिभाशाली / मेघावी

110-119

120-129

130-139

140 से अधिक

* बेसल वर्ष – जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर देता है उसे बेसल वर्ष कहते हैं

*टर्मिनल वर्ष – जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता वह टर्मिनल वर्ष कहलाता है बुद्धि के सिद्धांत (Theory of Intelligene) > एक कारक सिद्धांत ( UNI FACTOR THEORY) :- एक कारक सिद्धांत का प्रतिपादन बिने ने किया है इन्होंने बताया सभी व्यक्तियों में एक ही प्रकार की बुद्धि होती है जो सभी कार्यो में कार्य करती है

द्वि- कारक सिद्धांत (TWO FACTOR THEORY) :- इस कारक को स्पीयरमैन के द्वारा दिया किया गया

उन्होंने बताया कि बुद्धि दो तत्वों से मिलकर बनी है यह दो तत्व है

1. सामान्य तत्व G.Factor general ability :- हर व्यक्ति में सामान्य बुद्धि जन्मजात होती है और यह हर किसी में अलग अलग होती है

2. विशिष्ट तत्व S. Factor specialability :- यह दूसरो से अर्जित करने वाली बुद्धि होती है

त्रि-कारक सिद्धांत ( THREE FACTOR THEORY) :- इसका प्रतिपादन स्पीयर मैन के द्वारा किया गया स्पीयर मैन ने बताया कि सामान्य तत्व एवं विशेष तत्व के अलावा तीसरा तत्व समूह तत्व भी होता है समूह तत्व सामान्य तत्व और विशिष्ट तत्व का मिश्रण होता है इसका अपना स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता

बहु-कारक सिद्धांत (MULTI FACTOR THEORY) :- इस सिद्धांत का प्रतिपादन थार्नडाइक ने किया इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि कई तत्वों का समूह है उनके अनुसार सामान्य बुद्धि नाम कि कोई चीज़ नहीं होती बुद्धि में कई स्वतंत्र योग्ताएं होती है जो विभिन्न कार्य करती है समूह तत्व कारक सिद्धांत ( GROUP FACTOR THEORY) :- इस सिद्धांत का प्रतिपादन थर्सटन द्वारा किया गया इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि कई प्रकार कि योग्यताओं का मिश्रण है जो विभिन्न समूहों में पायी जाती है बुद्धि सात मानासिक योग्यताओं से मिलकर बनी हैं

* प्राथमिक समझ (Primary comprehension)

* सांख्यिक योग्यता (Numerical Ability)

 * प्रत्यक्षीकरण गति (Perceptual Speed)

 * स्थान संबंधी योग्यता( Spatial Ability)

* तर्क शक्ति (र्तक करना) (Reasoning)

* शब्द-प्रवाह (World-Fluency)

* स्मृति (Memory)

>प्रतिदर्श सिद्धांत (SAMPLING THEORY ) :- इस सिद्धांत के प्रतिपादक जी .एच. थॉमसन है इनके अनुसार एक ही समूह की योग्यताओं में परस्पर समानता पाई जाती है | व्यक्ति का प्रत्येक कार्य निश्चित योग्यताओं का प्रतिदर्श (Sample) होता है। इस सिद्धान्त में उन्होंने सामान्य कारकों की व्यावहारिकता को महत्व दिया है। थॉमसन के अनुसार व्यक्ति का बौद्धिक व्यवहार अनेक स्वतंत्र योग्यताओं पर निर्भर करता है

>पदानुक्रमिक बुद्धि का सिद्धांत (HIERARCHICAL THEORY) :- इस सिद्धांत का प्रतिपादन बर्ट द्वारा किया गया इस सिद्धांत में मानसिक योग्यताओं को क्रमिक महत्व प्रदान किया गया है इनके अनुसार मानसिक योग्यता में सामान्य मानसिक योग्यता को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है इसे दो वर्गों में विभाजित किया गया है

* के .एम वर्ग – इसमें प्रयोगशाला, यांत्रिक, स्थान संबंधी तथा शारीरिक योग्यताओं को शामिल किया जाता है

* वी. डी. वर्ग – इस वर्ग में मौखिक, संख्या संबंधी तथा शैक्षिक योग्यताओं को शामिल किया जाता है

>त्रिआयामी सिद्धांत (THREE DIMENSIONAL THEORY) – इस सिद्धांत का प्रतिपादन जे. पी . गिलफोर्ड ने किया है इस सिद्धांत को बुद्धि संरचना सिद्धांत भी कहते हैं गिलफोर्ड के अनुसार मानसिक योग्यता प्रमुख रूप से तीन तत्वों से निर्मित है विषय वस्तु (content), संक्रियाएं (operation) तथा उत्पाद (product)!

traleaks

> बुद्धि ‘क’ तथा बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत “A” and “B” THEORY :इस सिद्धांत का प्रतिपादन हैब ने किया इस सिद्धांत में बुद्धि वंशानुगत एवं पर्यावरण कारकों का प्रतिफल है। वंशानुगत बुद्धि क – व्यक्ति के जन्मजात गुण वातावरणीय बुद्धि ख – अधिगम अनुभव |

ब्लूम का सिद्धांत (BLOOM’S THEORY) :- इस सिद्धांत के प्रतिपादक ब्लूम है उनके अनुसार बुद्धि नाम की कोई चीज नहीं होती अर्थात बुद्धि का अस्तित्व नहीं है बल्कि अधिक महत्वपूर्ण कारक समय है

विकास का सिद्धांत (DEVLOPMENT THEORY) :- इस सिद्धांत का प्रतिपादन पियाजे द्वारा किया गया प्याजे के अनुसार बुद्धि एक प्रकार की अनुकुली प्रक्रिया (adaptive process) है जिसमें जैविक परिपक्वता (biological maturation) तथा वातावरण के साथ होने वाली अंतः क्रियाएं सम्मिलित होती हैं इनके अनुसार जैसे जैसे बच्चों में संज्ञानात्मक प्रक्रिया का विकास होता है वैसे वैसे उनका भौतिक विकास भी होता है जैसे बच्चों का प्रकृति के नियम को समझना, व्याकरण के नियम को समझना, गणित के नियम को समझना आदि

> त्रि-चापीय | त्रि-घटकीय सिद्धांत (TRIANGULAR THEORY) :- इस सिद्धांत का प्रतिपादन स्टर्नबर्ग ने किया इन्होंने इसका प्रतिपादन अपनी प्रसिद्ध पुस्तक बियोंण्ड आई क्यू में किया और इसे एक महत्वपूर्ण सूचना संसाधन सिद्धांत (information processing theory) माना गया है स्टर्नबर्ग के अनुसार बुद्धि भिन्न भिन्न प्रकार के मूल कौशल या घटकों में बँटी होती है प्रत्येक घटक के आधार पर व्यक्ति को कुछ विशेष सूचनाएं मिलती हैं जिनको वह संसाधित (processing) करता है उनके गुण अवगुण की परख करता है और समस्या का समाधान करता है स्टर्नबर्ग ने बुद्धि को तीन भागो में बांटा है ।

1. अनुभवात्मक बुद्धि ( EXPERIENTIAL INTELLIGENCE) :- अनुभवात्मक बुद्धि यह बुद्धि अनुभवों पर आधारित होती है व्यक्ति अपने अनुभवों से कुछ नयी खोज करता है अपने अनुभवों से कुछ नया क्रिएट करता है

2. घटकीय बुद्धि (COMPONENTIAL INTELLIGENCE) :- घटकीय बुद्धि – घटकीय बुद्धि वाले व्यक्ति कल्पना शक्ति से ही बहुत कुछ सोच लेते है ये अमूर्त बुद्धि वाले व्यक्ति होते है , ऐसे लोग हर चीज के पीछे कारण जानना चाहते है

3. सन्दर्भात्मक बुद्धि ( CONTEXTUAL INTELLIGENCE) :- सन्दर्भात्मक बुद्धि व्यक्ति इसमें सूचनाओं को इस ढंग से उपयोग करने में सफल हो जाता है जिसको उसको अधिक से अधिक लाभ हो यह व्यक्ति पर्यावरण के साथ समायोजन रखते है और व्यावहारिक होते है

स्टर्नबर्ग के सिद्धांत के मुख्य 5 चरण

1. कूटसंकेत (ENCODING) :- यह उपलब्ध सूचनाओं को मस्तिष्क में सेट करता है और उनकी पहचान करता है

2. अनुमान (INFERRING) :- प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अनुमान लगाना 3 व्यवस्था (MAPPING) :- पुरानी परिस्थिति और वर्तमान परिस्थिति में सम्बन्ध स्थापित करना

4. उपयोग (APPLICATION) :- जो सम्बन्ध स्थापित किया है उसका वास्तविक उपयोग करना

5. अनुक्रिया (RESPONSE) :- संभावित समस्या का सबसे (BEST SOLUTION) उत्तम उपाय खोजना

हॉवर्ड गार्डनर का बहु-बुद्धि सिद्धान्त /Multiple intelligencel seven intelligence theory बहु – बुद्धि का सिद्धांत हॉवर्ड गार्डनर ने 1983 दिया था। जिसमे उन्होंने सात तरह की बुद्धि बताई थी। इनके अनुसार बुद्धि कोई एक तत्व नहीं है बल्कि कई अलग – अलग प्रकार की बुद्धियो का अस्तित्व होता है। प्रत्येक बुद्धि एक दूसरे से स्वतंत्र रहकर कार्य करती है।

गार्डनर की बुद्धियो के प्रकार (Types of Intelligence)

1. शाब्दिक भाषायी बुद्धि (Verbal-linguistic Intelligence) :- इसके माध्यम से शब्दों और भाषा का ज्ञान होता है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे वकील , कवि, पत्रकार आदि बनते है।

2. तार्किक गणितीय बुद्धि (Logical Mathematical Intelligence) :- इसमें तार्किक योग्यता, Math Calculation अधिक होती है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे Accountant, Banker, Scientist आदि बनते है।

3. स्थानिक बुद्धि (Spatial Intelligence) :- यह बुद्धि जगह, अंतरिक्ष, मानसिक कल्पनाओ से सम्बंधित होती है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे मूर्तिकार, चित्रकार, Architecture आदि बनते है। 4. शारीरिक गतिक बदधि (Bodily Kinesthetic Intelligence):- शरीर को गति देने वाली बुद्धि । जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे अभिनेता-अभिनेत्री, Athlete, Dancer आदि बनते है।

5. संगीतात्मक बुद्धि (Musical Intelligence) :- इस बुद्धि के अंतर्गत संगीत की बुद्धि अधिक होती है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे Singer, Entertainer आदि बनते है।

6. अंतव्यैयक्तिक बुद्धि (Interpersonal Intelligence) :- इसके द्वारा दूसरे व्यक्ति के साथ कैसे interact किया जाये, यह पता चलता है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, आदि बनते है।

7. अंत: व्यक्तिक बुद्धि (Intrapersonal Intelligence) :- इसके द्वारा खुद के साथ interact किया जाता है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे आध्यात्मिक गुरु बनते है।

8. प्रकृतिवादी बुद्धि (Naturalistic Intelligence) :- इस बुद्धि के व्यक्ति प्रकृति के नजदीक होते है। जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे किसान, आदि बनते है।

9. अस्तित्ववादी बुद्धि (Existential Intelligence) :- इस बुद्धि के व्यक्ति हर चीज के अस्तित्व के बारे में सोचते है। जैसे हम इस दुनिया में क्यों आये ? भगवान कौन है ? जिन व्यक्तियों में इनका विकास अधिक हो तो वे साधू संत और Philospher बनते है।

बुद्धि के सिद्धांत (PRINCIPLES OF INTELLIGENCE)

एक कारक सिद्धांत (One Factor Theory) = बीने

दो कारक सिद्धांत (Two Factor Theory) = चार्ल्स स्पीयरमैन

(1. सामान्य बुद्धि 2. विशिष्ट बुद्धि) समूह कारक सिद्धांत (Group Factory Theory) = लुईस थर्स्टन बहु कारक सिद्धांत (Multi Factor Theory)

= थार्नडाइक प्रतिदर्श सिद्धांत (Sampling Theory)

= थॉमसन त्रिआयामी सिद्धांत (3D Theory)

= गिल्फोर्ड बहुबुद्धि /सात बुद्धि सिद्धांत (Multiple Intelligence Theory) = गार्डनर तरल और ठोस बुद्धि सिद्धांत (Fluid and Crystalized Theory) = कैटल और हॉर्न

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