Ramnarayan

रामनारायन बाबु की जीवनी खोरठा भाषा में |Ramnarayan babu ki jevani khortha bhasha mein | Biography of Ramnarayan babu in Khortha language

रामनारायन बाबु की जीवनी खोरठा भाषा में

रामनारायन सिंह कर जनम 19 दिसम्बर 1885 ई० में चतरा (तखनेक हजारीबाग) जिलाक हंटरगंज थानाक तेतरिया गाँवें हेल रहे ।इनखर बापेक नाम बाबु भोला सिंह रहे ,जे एगो साधाहरण किसान रहथ । ऊ फारसी भासाक बिद्वान रहथ । ऊ आपन छउवा राम नारायण सिंह केउ एगो बेस गियानगर विद्वान  बनवे खोज हला ।

1. छोटी की जोरी से लोअर प्राइमेरी स्कूल से जोरी मिडिल पास करल बादे जिला स्कूल हजारीबागे नाम लिखावला आर 1908 ई० में एंट्रेन्स कर  परीक्षा पास  करल बादे आगूक पढ़ाय खातिर कलकता चली गेला काहे कि ऊ समय बिहार – बंगाल –उड़ीसा कर एके गो कलकता विश्व विद्यालय रहे । हुवां सन्त जेवियर कॉलेज से 1911 में आई॰ए ॰ आर रिपन कॉलेज से 1913 में बी॰ए करल बादे यूनिवर्सिटि कॉलेजे कानून कर पढ़ाय खातिर नाम लिखावला मगुर ऊ बेसी दिन रहे नी पारला आर पढ़ाय छुटी गेला । हिंये 1910-11 में राजेन्द्र बाबु से सम्पर्क हेल रहे । 1914 में सरकारी नोकरी असिस्टेंट सेटलमेंट आफिसर पद पर बहाल हेला । मगुर 1916 मेँ ऊ नोकरी  छोड़ी के फिन कानून कर पढ़ाय पटना में करे लागला ।1919 मेँ बी॰एल ॰ करी वकालती करे लागला मगुर ई तीन महीनाक बाद्ही ऊ चतरा चली अइला ,काहे कि चतरा सब डिबीजन बनी गेल ।महात्मा गाँधी कर असहयोग आंदोलन सुरू हेल । इनखरो मने देशभक्तिक भाव जागल आर आजादीक  लड़ाईएं कूइद गेला ।1921 मेँ पाँच महीना 1922 मेँ एक बछर जेहल खटला  । 1924 मेँ हजारीबाग जिला परिषद कर गठन हेल आर ऊ पहिल उपाध्यक्ष चुनाला ।अध्यक्ष पद जिलाधिकारी के पदेन रहे ।1927 मेँ केंद्रीय विधान सभा खातिर छोटानागपुर क्षेत्र कर सदइस बनला आर 1946 तक लगातार 19 बरस तइक ई काम के ईमानदारी से निभावला ।

2. जेल यात्रा :- 1921 मेँ पाँच महीना

                  1922 मेँ एक बरस

                  1930  मेँ एक बरस ,

                  1932 मेँ तीन बरस

                  1940 मेँ एक बरस

                  1942 से 1944 तक नजइर बन्द कर सजा भुगतल रहथ ।

कांग्रेस कर सक्रिय सदइस रूपे ऊ हर कार्यक्रम ,सभा सम्मेलने भाग लेथ । रामगढ़ कर अधिबेशन में राजेंद्र बाबु उनखा ‘ छोटानागपुर केसरी ’ नाम देल रहथ । सविंधान सभा कर सदइस रहथ । महात्मा गाँधी कर पक्का अनुयायी रहथ । तकर चलते ऊ आजादिक बादे कांग्रेस पार्टी छोइड़ देला । कुछ दिन आध्यात्म्य में जुटला ।फिन 1951 में ऊ किसान मजदुर प्रजा पार्टी बनावला । 1952 कर लोकसभा चुनावें ऊ एहे पाटी से हजारीबाग लोकसभा सीट जीतला । संसद में निर्दलीय सांसद रहथ ताव हर विसयें ऊ जोरदार बहस में भाग लेथ ।1954 तइक अइते अइते उनखा राजनीति रास नी आवे लागल आर के योग के प्रचार –प्रसार खातिर दिल्ली में योगाश्रम खोलला । गोहत्या के प्रबल बिरोधी रहथ ।मथुराञ् जोरदार भाषण देला आर ऊ जेल चली गेला ।1957 कर चुनावें फिन खड़ा नी हेइ के राजनीति से सन्यास लेई लेला आर समाज सेवा में लाइग गेला । हंटरगंजे हाई स्कूल आर चतराञ् कॉलेज खोलला । चतरा कॉलेज कर कामें राँची जाइक पहर 23 जून 1963 के बालूमाथ पासे जीप दुर्घटना हेल आर 24 जून 1963 के ऊ दुनियाय से उठी गेला । उनखर बिहा 1907 में हजारीबाग कर इचाक प्रखण्ड कर देवरिया गावेंहेल रहे । ओकर बहुक नाम अझोला कुंवर रहे । उनखर देहान्त 1938   में कैंसर रोगे हेल । इनखर चाइर बेटा आर दुगो  बेटी रहथ । रामनारायन बाबु खोरठा भासाक प्रेमी रहथ रहे । ऊ सब से खोरठा ही बोलथ बतियाइथ । भुवनेश्वर दत्त शर्मा इनखर नजदिकी रहे (भुवनेश्वर दत्त शर्मा ब्याकुल  कर ) किताब कलाम –ए- व्याकुल कर भूमिका राम नारायण बाबु लिखल रहथ ।( ई जीवनी सार उनखर पोता  डॉ॰प्रमोद कुमार ,व्याख्याता राजनीति विज्ञान , सन्त कोलंम्बस कॉलेज  हजारीबाग कर शोध पुस्तक से तइयार कर गेल हे ।)

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