शिक्षा समिति एवं शिक्षा आयोग

शिक्षा समिति एवं शिक्षा आयोग | Education Committee and Education Commission

भारत में शिक्षा से संबंधित प्रमुख समितियों एवं आयोगों का गठन :- शिक्षा से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विचार करने की लिए समय-समय पर कई आयोगों का गठन किया गया मगर जिस आयोग ने शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर समग्रता से विचार किया उसमें 14 जुलाई 1964 में बने कोठारी कमीशन का जिक्र किया जाता है, साल 1948-49 में बनी राधा कृष्ण कमीशन ने केवल उच्च शिक्षा पर विचार किया वही मुदालियर कमीशन ने केवल माध्यमिक शिक्षा पर विचार किया ।

भारत में स्वतंत्रता पूर्व बनी शिक्षा समितियां आयोग

कोलकाता विश्वविद्यालय परिषद :- कोलकाता विश्वविद्यालय परिषद का गठन 1818 में हुआ  ।

>चार्ल्स वुड समिति :- इस समिति का गठन 1824 में चार्ल्स वुड द्वारा किया गया है इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है ।

> हंटर शिक्षा आयोग :- इसका गठन 1882 -1883 में किया गया हंटर शिक्षा आयोग का उद्देश्य भारत में महिला शिक्षा का विकास करना था ।

>सर थॉमस रैली आयोग :- इस आयोग का गठन सन 1902 में हुआ इसी आयोग की रिपोर्ट पर 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया ।

>सैडलर आयोग :- सैडलर आयोग का गठन सन 1917 में हुआ इसमें स्कूली शिक्षा को 12 वर्ष करने का सुझाव दिया गया ।

>हार्टोग समिति :- इस समिति का गठन साल 1929 किया गया इसमें व्यवसायिक व औदयोगिक शिक्षा पर जोर दिया गया ।

>सार्जेंट समिति :- इस समिति का गठन व 1944 में किया गया इसमें 6 से 11 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा की बात कही गई है ।

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भारत में स्वतंत्रता के बाद बनी शिक्षा समितियां और आयोग

> डॉ एस राधाकृष्णन आयोग :- इस समिति का गठन सन 1948-49 में किया गया इस आयोग द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की गई ।

>मुदालियर शिक्षा आयोग :- मुदालियर शिक्षा आयोग का गठन सन 1952 – 53 में किया गया इसे माध्यमिक शिक्षा आयोग भी कहा जाता है इस समिति के द्वारा केवल माध्यमिक शिक्षा पर ही विचार किया गया ।

> डॉ डी.एस. कोठारी आयोग :- इस आयोग का गठन सन 1964 में किया गया इसमें सामाजिक उत्तरदायित्व वह नैतिक शिक्षा पर ध्यान दिया गया ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 :- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1986 में लागू किया गया है इसे 1992 में संशोधित किया गया इसे आचामेति (1990) भी कहा जाता है इसमें एक सजग व मानवतावादी समाज के लिए शिक्षा का इस्तेमाल किया जाता है ।

> एम.बी. हुड समिति :- इस समिति का गठन व 1989 में किया गया दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) के लिए इस समिति का गठन किया गया ।

» जी राम रेड्डी समिति :- इसको साल 1992 में गठित किया गया इसे दूरस्थ शिक्षा पर केंद्र परामर्श समिति भी कहा जाता है ।

>प्रोफेसर यशपाल समिति :- इस समिति का गठन सन 1992 में किया गया इस समिति में बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने की बात की गई बच्चों को बोझ मुक्त शिक्षा की संकल्पना पर जोर दिया गया ।

>रामलाल पारेख समिति :- इसको 1993 में गठित किया गया इस समिति के माध्यम से B.Ed पत्राचार समिति शुरू की गई B.ed को पत्राचार के माध्यम से भी कर सकते हैं ।

>प्रोफेसर खेरमा लिंगदोह समिति :- इसका गठन 1994 में किया गया इसमें पत्राचार बीएड अवधि 14 माह तक तय की गई ।

>प्रोफेसर आर टकवाले समिति :- इस समिति का गठन 1995 में किया गया इस समिति में सेवारत अध्यापकों हेतु पत्राचार से बीएड शामिल है ।

>राष्ट्रीय ज्ञान आयोग :- इसका गठन 2005 में किया गया इसमें ज्ञान आधारित समाज की संकल्पना और प्राथमिक स्तर से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई ।

>जस्टिस जे.एस. वर्मा समिति :- इसे साल 2012 पर गठित किया गया इस समिति का गठन शिक्षकों की क्षमता की समय-समय पर जांच के लिए किया गया ।

+ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 – राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पदम विभूषण डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 9 सदस्य समिति का गठन किया गया ।

बेसिक शिक्षा योजना / बुनियादी शिक्षा योजना।। वर्धा योजना / नई तालीम | बुनियादी तालीम

वर्धा योजना (बेसिक या बुनियादी शिक्षा) :- बेसिक शिक्षा योजना वर्धा योजना के प्रतिपादक महात्मा गांधी जी हैं इन्होंने हरिजन में अनेक लेख लिखकर शिक्षा की खामियों को दर्शाया एवं वर्धा में अक्टूबर 1937 में एक अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया इस सम्मेलन में शिक्षा की एक विस्तृत योजना तैयार की, जिसे बुनियादी शिक्षा योजना या वर्धा शिक्षा योजना के नाम से जाना जाता है ।

यह योजना निम्नलिखित थी –

>7 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था ।

>शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए जिससे विद्यार्थी स्वाबलंबी बन सके ।

विद्यार्थी को उनकी अभिरुचि के अनुसार व्यवसायिक शिक्षा दी जाए – कृषि एवं हस्तशिल्प की शिक्षा दी जाए

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड 1987 में आरंभ हुआ ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड प्राथमिक शिक्षा से संबंधित है ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम सुविधाओं ( चाक, डस्टर, पुस्तकें, खेल सामग्री, फर्नीचर) आदि को देना है।

+ ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत स्कूल में जरूरी है 2 कमरे, 2 शिक्षक और एक बरामदा !

– ऑपरेशन का अर्थ है युद्ध स्तर पर अधिगम चला कर किसी कार्य को शीघ्रता शीघ्र पूरा करना – ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के अनुसार एक स्कूल में 2 शिक्षक अनिवार्य है उनमें से एक महिला शिक्षक होना जरूरी है – ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड सातवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू हुआ – ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के सुझाव पर शुरू किया गया ।

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