सर्वनाम की परिभासा
नागपुरी सर्वनाम हिन्दी लखे हय मुद्दा नागपुरी भासा कर आपन बिसेसता कर पहें नागपुरी में एगो सर्वनाम बगरा भेटायला ।संज्ञा कर ठाँवे चाहे बदला में जोन सबद कर प्रयोग करल जायला उकेसर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = का,कोनों,केकरो,राउर,रउर, राउरेमन,तोंय,तोर,तोके,अपने,एहे,ओहे,कोन,के,केउ ।
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सर्वनाम के काम = घरी-घरी संज्ञा के दोहरायक से बाँचेक ले सर्वनाम कर परयोग करल जायला । नागपुरी में सर्वनाम कर परयोग बगरा होवेला । असल में संज्ञा के दोहराले वाक्य कर सुंदरइ कम होवेला इकर अलावे कय धाँव नागपुरी भासा में आदर-अपनइत देवेक चलते सर्वनाम कर परयोग जरूरी होय जायला ।
सर्वनाम कर परयोग से वाक्य में सुंदरइ आउर गति (प्रवाह) आवेला जेकर से सुनेक,लिखेक,पढ़ेक में सुबिस्ता बुझायला ।
सर्वनाम कर भेद
1.पुरुस वाचक सर्वनाम
2.निज वाचक सर्वनाम
3.निश्चय वाचक सर्वनाम
4. अनिश्चय वाचक सर्वनाम
5.सम्बंध वाचक सर्वनाम
6.प्रश्न वाचक सर्वनाम
7.आदर वाचक सर्वनाम
1.पुरुस वाचक सर्वनाम = जे सर्वनाम में कोनों पुरुस/स्त्री नाँव/ठाँव में जे सबद आवेला उके पुरुस वाचक सर्वनाम कहल जायला । चाहे जे सर्वनाम से बोलवइया,सुनवइया इया जेकर बाबइत में कहल जायला, उके पुरुस वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = ‘हाम उकर लेझुला लानली तोर ले नइ’ ।
इकर में – हाम – बोलवइया
उकर – जेकर ले कहल जायहे,कर बोध होवेला ।
तोर – सुनवइया
पुरुस वाचक सर्वनाम कर तीन भेद होवेला –
(क) उतम पुरुस – बोलवइया के कहल जायला ।
जयसे = हाम/मोंय – एक वचन
हमरे/हमरेमन – बहुवचन
(ख) मध्यम पुरुस – मध्यम पुरुस सुनवइया के कहल जायला।
जयसे = तोंय/तोर – एक वचन
तोहरे/ तोहरेमन – बहुवचन
(ग) अन्य पुरुस – जेकर बाबइत कहल जायला से केअन्य पुरुस के कहल जायला।
जयसे = ऊ/ई – एक वचन
ऊ मन / ई मन – बहुवचन
2.निज वाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम से आपन खुद कर बोध होवेला उके निज वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = हामहें, अपनेहें, निजे,
हाम अपनेहें जाब ।
ऊ अपनेहें जाई
तोंय निजे आबे ।
3.निश्चय वाचक सर्वनाम = जे सर्वनाम से बोलवइया कर नजिक इया दूर कोनो जिनिस/वस्तु कर निश्चय कर बोध होवेला उके निश्चय वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
या
जे सर्वनाम से कोनो निश्चित चीज कर बोध होवेला उके निश्चय वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = एदे,वोदे,एहे,वोहे।
उदाहरन – एहे जगन हमरे छेकाय रही ।
वोहे छोंड़ा चोराय रहे ।
4. अनिश्चय वाचक सर्वनाम = जोन सर्वनाम से कोनो निश्चित वस्तु कर बोध नि होवेला उके अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = केउ,कोनों,कखनों
उदाहरन – चोकर गुन केउ नि जानँय ।
कोनों कहेक नि पारब ।
कखनों खाइ ।
5. सम्बंध वाचक सर्वनाम = जोन सर्वनाम वाक्य में कोनों दोसर सर्वनाम से सम्बंध जोड़ल जाय उके सम्बंध वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = जे,ते, जेके,तेके,जेकर,तेकर।
उदाहरन – जे जाइ से पावी ।
जेकर चुवी सेहे छारी ।
जेके लागी सेहे जानी ।
6.प्रश्न वाचक सर्वनाम = कोनोंसवाल करेक ले जोन सर्वनाम कर प्रयोग होवेला उके प्रश्न वाचक सर्वनाम कहल जायला ।
जयसे = के ,कोन,काले,कखन,कतना,कइसन,मने।
उदाहरन – कने जाब ?
काले जाब ?
का ख़ाब ?
कखन आवब ?
कइसन लागी ?
7.आदर वाचक सर्वनाम = नागपुरी भासा कर आपन खास ठवइन कर चलते आदर सूचक सर्वनाम भेटायला ।
जयसे = तोहरे,राउरे, तोहरेमन, राउरेमन,कर ठाँव में
अपने चाहे अपने मन कर बेवहार करल जयेला।
उदाहरन – तोंय जाबे चाहे राउरे जाब ।
आदर सूचक- अपने जाबँय ।