
Dhanteras Puja
धनतेरस पूजा क्यो करते है ? धनतेरस पूजा के फायदे ? कैसे पूजा करें ? यह त्योहार इस साल 2 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन धन्वंतरि देवता की पूजा आराधना की जाती है। जानें क्या है धनतेरस पर पूजा करने की विधि।

Dhanteras Puja Vidhi 2021
Dhanteras Puja Vidhi 2021
धनतेरस भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दिवाली पर्व का आरंभ धनतेरस से होता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन धन तेरस मनाया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार यह हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाई जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धन्वंतरि देव का अवतरण हुआ था और इस दिन धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है। इस साल यह 2 नवंबर को मनाई जा रही है। इस दिन सभी घरों में भगवान विष्णु के धन्वंतरि अवतार की पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि पृथ्वी पर सागर मंथन से उत्पन्न हुए थे। इस दिन धन्वंतरी देवता के साथ कुबेर, माता लक्ष्मी भगवान गणेश और यम की पूजा की जाती हैं।
यदि आप भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न कर अपने घर में सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं, तो उस दिन यहां बताएं गए तरीके से धन्वंतरि देवता की पूजा करें। यहां आप धनतेरस पूजा विधि के बारे में जान सकते है।

धनतेरस पूजा करने की विधि
धनतेरस पूजा करने की विधि
- धनतेरस पूजा के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर धनतेरस पूजा की तैयारी शुरू करें।
- धनतेरस पूजा की तैयारी करने के बाद घर के ईशान कोण में धन्वंतरी भगवान की पूजा करें।
- धनतेरस पूजा करते समय अपने मुंह को हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखें।
- धनतेरस पूजा करते समय पंचदेव यानी भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार की पूजा करें यानी 16 क्रियाओं से पूजा करें।
- धनतेरस पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं।
- धनतेरस पूजा समापन करने के बाद धन्वंतरी देवता के सामने धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, चंदन, चावल और फूल चढ़ाकर उनके मंत्र का उच्चारण करते हुए जाप करें।
- प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीया जलाएं। एक दीया यम देवता के नाम का भी जलाएं।
- धनतेरस पूजा के दिन घर में अपने इष्ट देवता की पूजा करते समय स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका और सप्त मातृका का पूजन जरूर करें।

धनतेरस पूजा का महत्व
धनतेरस पूजा का महत्व
महर्षि धन्वंतरि को स्वास्थ्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन के समय महर्षि धन्वंतरि अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की प्रथा प्रचलित हुई। यह भी माना जाता है कि धनतेरस के शुभावसर पर चल या अचल संपत्ति खरीदने से धन में तेरह गुणा वृद्धि होती है। धनतेरस की संध्या में यमदेव निमित्त दीपदान किया जाता है। फलस्वरूप उपासक और उसके परिवार को मृत्युदेव यमराज के कोप से सुरक्षा मिलती है। विशेषरूप से यदि गृहलक्ष्मी इस दिन दीपदान करें तो पूरा परिवार स्वस्थ रहता है।

धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त 2021
धनतेरस पूजा मुर्हुत: 06:18 PM से 08:10 PM तक
प्रदोष काल: 05:32 PM से 08:10 PM तक
वृषभ काल: 06:18 से रात 08:13 PM तक
त्रयोदशी तिथि आरंभ: सुबह 11:31 बजे से (2 नवंबर 2021)
त्रयोदशी तिथि समाप्त: सुबह 09:02 बजे तक (3 नवंबर 2021)
अति सुन्दर