kojagari vrat

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Kojagari Vrat | sharad purnima ke din puja kaise kiya jata h .wo article me bataya gaya h.

1 -10 point of Sharad Purnima and Kojagari Vrat

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कोजागरी की रात, इस एक उपाय से घर में रुक जाएंगी देवी लक्ष्मी

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बिहार के मिथिलांचल में तो देवी लक्ष्मी के स्वागत में कई पकवान बनाए जाते हैं. इनमें से कई पकवान सफेद रंग के होते हैं. जिनमें चउंआ-फरा बनाने की परंपरा मुख्य होती है.

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Sharad Purnima Kojagari Vrat: विजयादशमी की बाद पांचवें दिन बिहार में कोजागरी (Sharad Purnima Kojagari Vrat) का पर्व मनाया जाता है. आश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि को जब चंद्रमा अपनी संपूर्ण सोलह कलाओं के साथ खिल कर आसमान पर आते हैं, तो इस रात को कोजागरी की रात कहते हैं. माना जाता है कि देवी लक्ष्मी इस रात को धरती पर भ्रमण के लिए निकलती हैं. उनके आने से पृथ्वी पर सब शुभ हो जाता है.

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कोजागरी पर्व में कई पकवान बनाए जाते हैं –


देवी लक्ष्मी, चंद्रमा और अमृत तीनों ही आपस में भाई-बहन हैं. देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की उत्तपत्ति समुद्र से एक ही दिन हुई है. कोजागरी की रात माना जाता है कि तीनों का एक बार फिर से मिलन होता है. बिहार के मिथिलांचल में तो देवी लक्ष्मी के स्वागत में कई पकवान बनाए जाते हैं. इनमें से कई पकवान सफेद रंग के होते हैं. जिनमें चउंआ-फरा बनाने की परंपरा मुख्य होती है. इस दिन दूधफरा और खीर भी बनाई जाती है. नवदंपती के लिए ये रात बहुत खास होती है. अगर वे चाहें तो उपाय करके देवी लक्ष्मी को अपने घर में रोक सकते हैं. उन पर वर्ष भर माता की कृपा बनी रहेगी ।

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ये उपाय जरूर करें
  1. रात के समय मां लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक जलाएं.
  2. मां लक्ष्मी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.
  3. माता लक्ष्मी को सफेद रंग अतिप्रिय है, ऐसे में उन्हें सफेद मिठाई और सुगन्धित चीजें अर्पित करें.
  4. इसके बाद “ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः”, इस मंत्र का जाप करते हुए कम से कम ग्यारह माला का जाप करें.
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ऐसे करें कोजागरी व्रत और पूजा
  • इस व्रत में हाथी पर बैठे इंद्र और महालक्ष्मी का पूजन करके उपवास रखना चाहिए. रात के समय माता लक्ष्मी के सामने शुद्ध घी का दीया जलाकर गंध, फूल आदि से उनकी पूजा करें.
  • इसके बाद 11, 21 या 51 अपनी इच्छा के अनुसार दीपक जलाकर मंदिरों, बाग-बगीचों, तुलसी के नीचे या भवनों में रखना चाहिए.
  • सुबह होने पर स्नान आदि करने के बाद देवराज इंद्र का पूजन कर ब्राह्मणों को घी-शक्कर मिश्रित खीर का भोजन कराकर वस्त्र आदि की दक्षिणा और सोने के दीपक देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
  • इस दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ ब्राह्मण द्वारा कराकर कमलगट्टा, बेल या पंचमेवा अथवा खीर द्वारा दशांश हवन करवाना चाहिए.
  • इस विधि से कोजागर व्रत करने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं तथा धन-धान्य, मान-प्रतिष्ठा आदि सभी सुख प्रदान करती हैं.

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