
Tribal Pride Day
Tribal Pride Day – जनजातीय गौरव दिवस
केंद्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जंयती को जनजातीय गाैरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
Tribal Pride Day kya h
Tribal Pride Day झारखंड में बिरसा मुंडा को भगवान का दर्जा प्राप्त है। इसे न सिर्फ जनजातीय लोग बल्कि झारखंड के दूसरे समाज के लोग भी नायक के तौर पर देखते हैं। राज्य के बाहर भी जनजातीय समाज में बिरसा मुंडा के प्रति असीम श्रद्धा है। यही कारण है कि वर्ष 2000 में बिहार को विभाजित कर अलग झारखंड राज्य बना तो राज्य स्थापना दिवस के लिए केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वापजेयी सरकार ने 15 नवंबर का दिन तय किया गया। यह वही दिन है जिस दिन भगवान बिरसा का जन्म हुआ था।

जनजातीय गौरव दिवस
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को झारखंड के रांची के नजदीक खूंटी जिले के उलीहातु गांव में मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना (मुंडा) और माता-करमी (मुंडाईन) के घर में हुआ था। अब जब झारखंड में राज्य स्थापना दिवस मनाने की तैयारी चल रही है तो ऐसे समय में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जनजातीय समाज को गाैरवान्वित करने का वाला निर्णय लिया है। मुंडा की जंयती को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
Tribal Pride Day kab celebrate hoga
भारतीय इतिहास और संस्कृति में जनजातियों के विशेष स्थान और योगदान को सम्मानित करने व पीढ़ियों को इस सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दी।

Tribal Pride Day ke bare me PM Narendra Modi ne kya kaha
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्टूबर को मन की बात में भगवान बिरसा मुंडा पर बात की थी। उन्होंने कहा था-भगवान बिरसा मुंडा ने जिस तरह अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिय संघर्ष किया, वह कोई धरती आबा ही कर सकते थे। उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों के प्रति गर्व करना सिखाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा का स्मरण कराते हुये कहा कि इस समय हम अमृत-महोत्सव में देश के वीर बेटे-बेटियों और महान पुण्य आत्माओं को याद कर रहे हैं। अगले महीने 15 नवम्बर को हमारे देश के ऐसे ही महापुरुष वीर योद्धा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। भगवान बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है- धरती पिता।

भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। बिरसा मुंडा ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची। उन्होंने हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म का बारीकी से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से भ्रमित है। बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए।
FAQ
Q. Tribal Pride Day kis din celebrate karte h ?
Ans = 15 November
अति सुन्दर