श्री राम मंदिर का स्थान अयोध्या में है, जो भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में महत्वपूर्ण है

मंदिर का निर्माण पूरी तरह से श्रीराम भक्तों के दान-श्रम से हुआ है, जो इसे एक राष्ट्रीय समर्पण का प्रतीक बनाता है।

मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त 2020 को हुआ था, जिससे यह भारतीय समृद्धि और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक बन गया है।

इस मंदिर की शिखर ऊँचाईयों में श्रीराम की वीरता और महिमा को दर्शाती है, जो भक्तों को प्रेरित करती है।.

मंदिर की शिलाओं में अनेक कला कुशलताएं दिखती हैं, जो इसे भारतीय स्थापत्यकला का एक शानदार उदाहरण बनाती हैं।

स्थानीय और विदेशी पर्यटकों के बीच मंदिर का अद्वितीय रूप से स्वागत होता है, जो अयोध्या को एक धार्मिक और पर्यटन स्थल बना रहा है।

मंदिर का सार्वजनिक स्थान भगवान राम के प्रशांत और धार्मिक वातावरण को बढ़ाता है।

विशाल रंगीन विराजमान मंदिर परिसर और उसकी आलोकिक साजगारी ने यहाँ की शांति और सुकून की भावना को बढ़ा दिया है।

मंदिर के प्रांगण में स्थित सुंदर कुंज, फूलबाड़ी, और बाग-बगिचे मंदिर को एक सार्वजनिक आध्यात्मिक स्थल बनाते हैं।

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