कोनो भासाक आपन बिसेसताक ओजह से ही अलग ठाँव – ठेकान नाम देल जाइक ।खोरठा भासाको आपन बाछार बिसेसता हइ ।जकराँ हामिन हेंठे उखरवल बिंदु से समझे पारबइ।
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खोरठा भासाक विशेसता
(क) खोरठा मूल रूपें झारखंडे बोलल जाइवाला भासा लागइ।
(ख)खोरठा के बोलवइय मुइख रूप से सदान ( झारखंडी यइए आदिवासी ) सब लागथ ।
(ग) कुछ आदिवासी समुदाय जैसन —महली ,कमार ,बिरहोर ,मुंडा ,हेन-तेन के माञ्कोरवा भासा (मातृभाषा ) लागइन ।
(घ) खोरठा कोन्हो जाइत सप्रदाय के भासा नाञ् बिचकुन सभे समुदाय के भासा लागइन।
(ङ) सरकार एकर मानता क्षेत्रिय ” भाषा ” के रूप देल हइ ।
(च) खोरठा झारखण्डेक सबले बोड़ छेतरे लागाइत 31 सेसे 46 हजार वर्ग किलोमीटर में लगाइत दू करोड़ आबादी के बीच बोलल जाहे ।
(छ) खोरठाक उत्पत्ति सिंधु घाटी सभ्यता के लिपि खरोष्ठी के भासा से मानल जाहे।
(ज)खोरठाक उत्पत्ति सिंधु घाटी सभ्यता के लिपि खरोष्ठी के भासा से मानल जाहे।
(झ)एक लोक सहित ढेइरे तलियाइल–सरगत्ताइल हइ ।
(ञ)एकर सिस्ट साहित बिकासमान हइ।
(ट) एखन खोरठा भासा में नौंवों से लइके एम.फिल तइक पढ़ायेक बेबस्था हइ ।
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