Ek pathiya dongal mahuwa ,एक पथिया डोंगल महुआ ,खोरठा कविता संग्रह, khortha Kavita sangrah ,khortha Kavita kitab ,khortha kahani, khortha natak, Ek pathiya dongle mahua ,khortha Kavita Ek pathiya dongle mahua,खोरठा पद्य भाग,
हमनी सब एक कविता (लेखक – श्री निवास पानुरी)
एक एक एक
हमनी सब एक ।
भिनु- भिनु बोली भाख,
ताव हमनी एक
भिनु भिनु भेख
एके रकम घर, दुवार
एके रकम गाांव
एके रकम शादी बीहा
एके रकम भाव
एके रकम पूजा पाठ
तीरिथ जातरा एक
एक एक एक
जे इंटे मन्दिर मन्दिद
ओहे ईटे चर्च
झे अरथे पुरान
पुराने ओहे अर्थ
जैसन उपदेश भोला पादरी
वैसन पंडित देत
एक एक एक
हमनी सांगे ओहे वात
दूर जतना जइर से पात
रकत दुयोक एक
एक एक एक
साधनक धरती हमनी पुरवी
सुन्देरेक सुंदर फूल
वन्धुतेक नदी हमनी वाांधी
आपन असधि कूल
निसठांक धरती हमनी करी
शान्तिक व्यभिसेख
एक एक एक
एकेक पानी मेटवी पियास
साइतेक माटी बास
दुखेक खेते हमनी करी
मीठा आनंदेक चास
हमनी देखी एकेअनेक
अनेकें देखी एक
एक एक एक
हमनी माांझे कुछ वांदर
चीरेखाभतर मायेक आँचर
उगलत जहर लागवथ आइग
रचत नरमेध
एक एक एक
हमनी सब एक