“चाबी काटी नाटक के सभी MCQ, जानलेवा सवालों में छिपी हैं मस्ती, जिन्हें समझना है तो सवालों को करो पूरी तरह से खुलासा!”
1- चाभी काठी साहितेक कोन विधाक रचना लागे ?
Ans – नाटक
2 – चाभी काठी कइसन नाटक हइ ?
Ans – एकांकी
3 – चाभी काठी के रचवइयाक नाम की हइ ?
Ans – श्रीनिवास पानुरी
4 – चाभी काठी नाटक में कईगो दृश्य है ?
Ans – 20 दृश्य
5 – चाभी काठी पर परकासन बछर हइ?
Ans – 2006 – पानुरी जी के 21वीं पुण्यतिथी के समय ।
6 – चाभी काठी का परकासक हइ ?
Ans – परकासक बालीडीह खोरठा कमिटी , बोकारो ।
7- चाभी काठी नाटक में भूमिका के लिखले हइ ?
Ans – गिरधारी गोस्वामी (उपनाम – आकाशखूँटी )
8 – चाभी काठी के सम्पादक हय ?
Ans – गिरधारी गोस्वामी ।
9 – चाभी काठी नाटक में कइ गो पातर है?
Ans – 19 पातर ,पुरूष – 14 महिला -5
10 – चाभी काठी के शाबदिक अरथ की हेवे है?
Ans – चाभी , चाभी का अर्थ – उतरदायित्व ।
11- चाभी काठी नाटक के नायक के हे?
Ans – शम्भु
12 – शम्भूक मायेक नाम की हे ?
Ans – सोहागी
13 – शम्भूक कते पढ़ल लिखल युवक हले ?
Ans – B॰A पास
14 – चाभी काठी नाटक कउन पातर जमींदार हलइ?
Ans – कालूराम
15 – चाभी काठी नाटक में में परसतावना के लिखले हइ ?
Ans – अर्जुन पानुरी
16 – चाभी काठी नाटक में सकउन समसिया देखल गेल है ?
Ans – झारखंड सोसन के समसिया
झारखंड गरीबी के समसिया
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पहला दृश्य
17 – शम्भु ,विद्या ,बुद्धि ,तेज़ के केकर आगु बेकार माने है ?
Ans – गरीबी
दोसर दिरिस
18 – गरीबी की की करवे हे?
Ans – अबोध शिशु से गली गली भीख मंगने है ।
सुंदरी के रूप बेचवावे है ।
जवान के असमय बूढ़ा बनवावे है।
19 – पहिल दिरिस में के – के आवे हे?
Ans – पहिल दिरिस में सिर्फ शम्मू आवे हे ।
तिसर दिरिस
20 – कउन ओजह से शम्भु कहे कि ‘ मुरूख ‘भी हमरा मुरूख बुझहय ?
Ans – गरीब के ओजह से ।
21 – शम्भू के बाप मोइर गेल हलइ ,जखन शंम्भू ?
Ans – 10 बछर के हल ।
चौथा दिरिस
22 – के केकरा कहलइ ?
‘’ मानुस भेले हृदय चाही । दीन दुखीयाक के प्यार चाही आर नाय तो मानुस और गोरू में फरक नाञ ‘’
Ans – शम्भू के सोहागी ।
23 – के कहले — ?
‘ भाइस काइल तोहनी जुवान छोड़ा सब हमनी के कुछ बुझवे नाय करा हा ’ हमनी ऐसी रोंदें चुइल नाय पकवल ही हे ?
Ans – बाबा के नाती है।
24 – के भीख मांगते – मांगते आइल हले ?
Ans – कालूराम
25 – शंम्भू धनबाद की करे गेल हलइ ?
Ans – नऊकरी खोजे
पाँचवां दिरिस
26 – के शंम्भू के 200 रुपिया देले है ?
Ans- रति राम
27 – के कहो हई –
इस जिले के लोग बड़े होते हे ,आलसी होवे हे ,आज घर मेँ खाना हे तों काम नहीं करेंगे ,तो भूखे मरेगा कौन ?
Ans – राधो
छठा दिरिस-
28 – चाय – वाय मानें मानें की होतइ ?
Ans – खेती – बारी
29 – श्रीपति केकर बिहा के लेल टाका ,कालूरम से मांगो हइ ?
Ans – आपन भतीजा के ।
सातवां दिरिस
30 – के मुखिया बने खातिर डंडाइल हल ?
Ans – कालूरम
31 – ’ कालूराम केकरा कहो हइ – जनता के सेवा ओहे करे वारे जकर उपर मांगेक कृपा हे ‘?
Ans – जनता सोब के कहा हे ।
आठवां दिरिस
32 – के , केकर से कहलकइ — ‘ अब मैं नौकरी नहीं करूंगा ,मैं गाँवों में जाऊंगा और जनार्दन की सेवा करूंगा ?
Ans – शंभु ने रविराम को कहा ।
33 – ‘ हाँसी – ठाढा माने ?
Ans – हँसी मजाक
34 – के केकरा कहो हइ – ‘ माय ! आर हम नोकरी नाय करल । अब हमरा गाँव धारेक सेवा करे होव ‘। ?
Ans– हमरा गाँव धारेक सेवा करे हेला ।
नौंवा दिरिस
35 – आपन संगे गोटे गाँवेंक नाम इंजोर कइर देला के कहलइ ?
Ans – खेपा ने शंभु के बारे मे कहा ।
36 – कोन बूढ़ा के मोरला पर सब भोज खाइले दाँत पजवावे हेला ?
Ans – सोमरा
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