खोरठा के विलोम शब्द ( उल्टे अरथेक सबद )
शब्द विलोम शब्द शब्द — विलोम शब्द
1-ढाँगा — ठुरका लम्बा — नाटा
2 -ढाँगी — ठुरकी लम्बी — नाटी
शब्द विलोम शब्द शब्द — विलोम शब्द
1-ढाँगा — ठुरका लम्बा — नाटा
2 -ढाँगी — ठुरकी लम्बी — नाटी
हिन्दी जइसन खोरठा में कोनों चीजेक नाम , जगS के नाम ,कोनो गोंठ -तोंठ ,भाभ- विचार ,के नाम के संइगा कहल जा हे । (हिन्दी जैसा खोरठा में किसी स्थान ,समूह ,भाव आदि को संज्ञा कहा जाता है ) जैसे :-राम, चीनी ,पटना ,सैनिक आदि ।
खोरठा में लिंग के माने मरद – जाइत आर जनि – जाइत के होवे हे । एकर में खाली जीव-जन्तु के लिंगेक विचार होवे हे ।
खोरठा प्रारूप — हिन्दी प्रारूप
1- ई ऐगो गाय हइ । यह एक गाय है।
2- ई ऐगो बकरी हई । यह एक बकरी है ।
jtet Urdu 2016 previous year question paper Download PDF Read also : Jtet -2012 ( I-V ) (भाषा कुँड़ुख़) Read also: Kurukh Language Facts Read also : 1.Jharkhand : General Information 2.All tribe of Jharkhand 3.National and International Important Days of October 4. jtet question paper 2016 pdf download 6.
क्रिया के ‘ अ ‘ शब्द
हिन्दी अर्थ —- खोरठा शब्द
(1) अकबकाना —- अकबकाएक
(2) अनुपस्थित होना —- नागा होवेक
अनेक शब्द — एक शब्द
1- उ भूइयाँ जेकर में कुछो नाञ उपजे हे — ऊसर (वह भूमि जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता है )
2-लिएक – दिएक बात — पैसा -कौड़ी ( लेन – देन वाली बात )
1- तोंइ इसकूल कखन जिबे ? तुम विद्यालय कब आओगे ?
2- अधिकारी ऑफिस में कखन अइतो ? अधिकारी कार्यालय में कब आयेगा ?
3- मास्टर कखन अइतो ? शिक्षक कब आयेंगें ?
यह जनजाति एक प्रतिबंधित उत्तरी सेंटिनल द्वीप पर रहने वाली एक नेग्रिटो जनजाति है। 2011 के जनगणना आँकड़ों के अनुसार द्वीप पर इनकी संख्या 15 के आस-पास थी। जहाँ एक तरफ अंडमान द्वीप में चार नेग्रिटो जनजातियों- ग्रेट अंडमानी, ओंगे/ओंज, जारवा तथा सेंटिनलीज का निवास है तो वहीं दूसरी तरफ निकोबार में दो मंगोलॉइड जनजातियाँ मसलन- निकोबारी और शोम्पेन … Read more
खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेखन क्या है
आजकल विभिन्न परीक्षाओ एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुच्छेद लिखने के लिए कहें जाते हैं । अनुच्छेद हिन्दी में दिये रहते हैं जिसका अनुवाद अपनी भाषा में करना होता है।
होमों ( मंणा ) , कोंजा कोंबा नुतुम
हिन्दी में शरीर के अंगों नाम हो भाषा में शरीर के अंगों के नाम
1- सिर बोअ
2- आँख मेड़
संज्ञा ( ञुनुम ) :–किसी व्यक्ति ,वस्तु आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं ।जैसे :- होड़ , गाय मोहोन । संताली भाषा संज्ञा मुख्यतः सजीव और निर्जीव अर्थात् प्राणिवाचक और अप्राणिवाचक (वस्तुवाचक ) दो भागों में बांटी गयी है।
खोरठा में पत्र लेखन हेतु मार्ग दर्शन : पत्र लेखन एक कला है ।एक अच्छा पत्र वह होता है , जिसमें संक्षेंप में सरल भाषा अपनी बात व्यक्त की गई हो ।आप भी एक अच्छा पत्र लिख सकतें है
मुहड़ालटखु आ बकओटा तली एकदा एकअम बक ही मुहड़ा नू बरअर अदि घी मनेन बदल ई मलता बिहइत ओंदरई ।
( उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी शब्द के पहले आकर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाता है, उपसर्ग कहलाते हैं ।)
मुंज्जालटखु (प्रत्यय) :– एका बकओटा बक ही मुंज्जा नू बरई , अदिन मुंज्जालटखु बअनर ।
( जो शब्दांश शब्दों के बाद लगाये जाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते है । )
जो शब्दों से पहले लगकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देतें हैं या उसके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं ।
प्रश्न 1. झारखंड राज्य की कुल भूमि के लगभग कितने प्रतिशत हिस्से पर कृषि कार्य किया जाता है ?
(A) 50%
(B) 15%
(C) 23%
(D) 35%
1. डाल्टन विधि :- हेलन पार्कहर्स्ट
2. किंडर गार्डन विधि :- फ्रोबेल
नागपुरी भाषा साहित्य पाठ्यक्रम 1. व्याकरण – वर्ण,संज्ञा,सर्वनाम,लिंग,वचन,कारक,विशेषण,क्रिया विशेषण,अव्यय,उपसर्ग,प्रत्यय,काल, क्रिया,वाक्य,समास,अनेक शब्द के बदले एक शब्द, विलोम शब्द, समानार्थी शब्द,मुहावरे एवं कहवाते,वाक्य शुद्धि । 2. साहित्य – (क) नागपुरी लोक साहित्य – लोक गीत, लोक कथा ,पहेली,कहावत, मुहावरे । (ख) लोक गीत – डमकच ,पावस,उदासी,फगुवा पंचरंगी, फगुवा पुछारी ,झूमर,अंगनई, लहसुआ झुमआ, सोहराई गीत । (ग) नागपुरी … Read more