Gurujik Fikir Kahani | गुरूजी फिकीर कहानी Best Mcq

Gurujik Fikir Kahani

Gurujik Fikir,गुरुजीक फिकीर, छाँहइर कहानी संग्रह,कहानी-5 ,JPSC/JSSC CGL 1 – गुरूजी फिकीर कहानी में किसकी फीकीर के बारे में बताया गया है? Ans – गुरुजी के चिंता के बारे में ।     चिंता के बारे में = चेठा , फीकीर , चहक । 2- गुरुजी के फीकीर कहानी में प्रमुख पात्र कौन है ?  Ans … Read more

खोरठा भासाक विशेसता | खोरठा भाषा की विशेषता

खोरठा भाषा की विशेषता

कोनो भासाक आपन बिसेसताक ओजह से ही अलग ठाँव – ठेकान नाम देल जाइक ।खोरठा भासाको आपन बाछार बिसेसता हइ ।जकराँ हामिन हेंठे उखरवल बिंदु से समझे पारबइ।

खोरठा के विलोम शब्द ( उल्टे अरथेक सबद )

खोरठा के विलोम शब्द

शब्द     विलोम शब्द            शब्द — विलोम शब्द
1-ढाँगा — ठुरका                   लम्बा — नाटा
2 -ढाँगी — ठुरकी                  लम्बी — नाटी

खोरठा  संज्ञा ( संइगा ) | khortha vyakaran sangya

खोरठा  संज्ञा ( संइगा )

हिन्दी जइसन खोरठा में कोनों चीजेक नाम , जगS के नाम ,कोनो गोंठ -तोंठ ,भाभ- विचार ,के नाम के संइगा कहल जा हे । (हिन्दी जैसा खोरठा में किसी स्थान ,समूह ,भाव आदि को संज्ञा कहा जाता है ) जैसे :-राम, चीनी ,पटना ,सैनिक आदि ।

खोरठा भाषा ( भासा ) के प्रचलित शब्दकोष अ ,आ ,इ

क्रिया  के ‘  अ ‘  शब्द

        हिन्दी अर्थ             —-           खोरठा शब्द                           

(1)      अकबकाना               —-         अकबकाएक

(2)  अनुपस्थित होना              —-          नागा होवेक

खोरठा व्याकरण अनेक शब्दों के एक शब्द ( ढेइर सबदेक एगो शब्द )

खोरठा व्याकरण अनेक शब्दों के एक शब्द

अनेक शब्द               —       एक शब्द

1- उ भूइयाँ जेकर में कुछो नाञ उपजे हे  — ऊसर (वह भूमि जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता है )

2-लिएक – दिएक बात        — पैसा -कौड़ी ( लेन – देन वाली बात )

खोरठा भाषा ( भासा ) में कब ,क्यों ,कैसे का प्रयोग

1-  तोंइ इसकूल कखन जिबे ?                             तुम विद्यालय कब आओगे ?

2- अधिकारी ऑफिस में कखन अइतो ?               अधिकारी कार्यालय में कब आयेगा ?

3- मास्टर कखन अइतो ?  शिक्षक कब आयेंगें  ?

 खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेख

खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेख

खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेखन क्या है

आजकल विभिन्न परीक्षाओ एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुच्छेद लिखने के लिए कहें जाते हैं । अनुच्छेद हिन्दी में दिये रहते हैं जिसका अनुवाद अपनी भाषा में करना होता है।

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