नागपुरी व्याकरण लिंग | Nagpuri vyakaran ling

परिभासा

नागपुरी लोक भाषा हेके सेके इकर में लिंग निर्नय कर बगरा समस्या नखे । लिंग कर माने होवेला जेकर से पुरुष (पुरुख) चाहे स्त्री (जनी) जात के पहचान होवे ।

नागपुरी व्याकरण प्रत्यय |Nagpuri vyakaran pratyay     

nagpuri vyakaran प्रत्यय

परिभासा –  सबद मन कर पाछे जोन अछर इया अछर समूह लगाल जायला उके प्रत्यय कहल जायला |

प्रत्यय दुइ सबद कर मेल प्रति+अय से बईन हे प्रति कर माने साथ में पाछे, बादे आउर ‘अय’ कर माने होवेला चालेकवाला । कहेक माने कोनो सबद कर पाछे लाइग के चालेक वाला अविकारी सबद ।

नागपुरी भाषा उपसर्ग | Nagpuri vyakaran upsarg

नागपुरी भाषा उपसर्ग

# उपसर्ग किसे कहते है?

उपसर्ग उसन सबद कर अंस इया अव्यय के कहयँना जे कोनों सबद कर पहिले आयके कोनों बिसेस अरथ परगट करेला ।

नागपुरी भाषा (संग्या) व्याकरण | नागपुरी भाषा संज्ञा

परिभासा = कोनवे भासा कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता होवेला,नागपुरियो कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता हय मुदा संज्ञा कर बाबइत नागपुरी संज्ञा हिन्दी संज्ञा लखे हय ।