खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेखन हेतु मार्गदर्शन :–
आजकल विभिन्न परीक्षाओ एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुच्छेद लिखने के लिए कहें जाते हैं । अनुच्छेद हिन्दी में दिये रहते हैं जिसका अनुवाद अपनी भाषा में करना होता है।
(2) अनुच्छेद लेखन क्या है :-
अनुच्छेद लेखन एक कला है । इसमें किसी विषय पर अत्यंत संक्षेप मे अपने विचार प्रकट करने होते हैं ।
(3) एक अच्छा अनुच्छेद कैसे लिखें :-
एक अच्छा अनुवाद वह होता है जिसमें दिए विषय का सार लिखा जाता है ।इसमें निबंध की भाँति विस्तार नहीं होता है । 75- 120 शब्दों का पर्याप्त माना जाता है ।एक अच्छे अनुच्छेद में मूल विषय को हीं केंद्र में रखना पड़ता है । अतः इसमें संबंधित सभी विषय की बातों का निचोड़ प्रस्तुत किया जाता है ।
(4) एक अच्छे अनुच्छेद की विशेषताएँ :–
(क) अनुच्छेद प्रभावशाली होना चाहिए ।
(ख) इसके वाक्य छोटे – छोटे होने चाहिए ।
(ग) इसमें अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए ।
(घ) इसमें चयनित शब्दों का प्रयोग होना चाहिए ।
(ङ) अनुच्छेद के सभी वाक्य एक – दूसरे से सम्बंध होने चाहिए ।
परीक्षा के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण अनुच्छेदों का सर्वप्रथम हिन्दी में उसके पश्चात क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुवाद नीचे दिया गया है ।ओजोन परत का क्षरण
हिन्दी में अनुवाद :—
ओजोन शब्द यूनानी भाषा ‘ ओजियन ‘ शब्द से विकसित हुआ है इसका अर्थ है ‘ सूंघना ‘ । ओजोन गैस एक हल्की नीली और अत्यधिक जहरीली गैस होती है ।जिसमें तीव्र गंध होती है । ओजोन गैस ऑक्सीजन का एक अपरूप है।ओजोन का क्वथनांक -119 ०c और गलनांक -192.०c होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 2.144 और हिमांक -251.4 ०C होता है । तरल ओजोन एक शक्तिशाली चुम्बकीय गुण वाला तरल पदार्थ हैं । समताप मंडल में ओजोन परत होता है ।यह सूर्य से उर्जा के रूप में पराबैंगनी किरणों को सोखती है ।इससे पृथ्वी के जीव हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचती है । ओजोन परत पृथ्वी से 19 से 48 किमी० उपर 12 से 30 मीटर मोटाई का एक वायुमंडलीय क्षेत्र है। लेकिन पृथ्वी से उत्सर्जित मानव निर्मित क्लोरोफ्लोरो कार्बन से यह कई जगह नष्ट हो गये हैं । इससे ओजोन परत में छिद्र हो गया है । इस तरह के छिद्र अंटार्कटिक के उपर कई जगह देखें गये हैं।बिजली सयंत्रों से मुक्त नाइट्रोजन ऑक्साइड भी ओजोन परत को क्षतिग्रस्त करती है ।
ओजोन पइरतेक नास
खोरठा में अनुवाद :–
ओजोन सबद के जनम यूनानी भासाक ओजियन शब्द से भेले हइ । एकर माने
सूँघेक होवS हइ । ओजोन ऐगो तनी नील बरंग आर ढेर जहर जइसन गेस होवS हइ ।एकर में बड़ी जोर के गमक होवS हइ । ओजोन के खउले वाला गरमी -119 ०C में लागS हइ । एकर आपेक्षिक घनत्व 2.144 आर जमेक ताइपकरम -215.4 ०c होवS हइ । गिलगिल ओजोन ऐगो बड़ी बोड़ चुमबक वाला गिलगिल चीज होवे ह। समताप मनडल में ओजोन पइरत टा होव हे । ई पइरत टा सूरज से आपन आहार खातिर पराबइंगनी रोसनी के सोखे हे । इकर से धइरतीक जीव पराबइंगनी रोसनी के हानी से बाचS हथिन । ओजोन पइरत टा धरती से मोटा – मोटी 19 से 48 किमी० उपर रहे हे जेटा 12 से 30 मीटर होवे हे आर हियाँ एगो हवा के छेतर बनल हे , मन्तुक ई दुनियायेक
आदमी के बनावल कोलरो-फोलरो कारबन से एकर मे कइ ठिना भूइर होइ ह । ई तरी के भूइर आरकटिक महासागर के उपर ठिना देखल गेल हे। बिजली कारखाना से छोड़ल गेल नाइट्रोजन ऑक्साइड टावो से ओजोन पइरत के नुकसान पहुँचावे हे।
खोरठा भाषा में अनुवाद अनुच्छेद
झारखण्ड राज्य का प्रतीक चिन्ह
हिन्दी में :-
झारखण्ड के प्रतिक चिन्ह को ‘राज चिन्ह कहा जाता है ।इसके चारो ओर अंग्रेजी के चार ‘जे (J) ’ अक्षर है।
इसके बीच अशोक चक्र है । यह चक्र गतिशीलता परिवर्तन और प्रगति का प्रतीक है। जे (J) ’ अक्षर के ऊपरी भाग में छोटे-छोटे बिन्दु हैं । ये बिन्दु राज्य के विकासरत होने के प्रमाण है।राज्य चिन्ह हरे रंग से बना है ।हरा रंग समृध्दि और हरियाली का प्रतीक है।चार ‘ जे (J) ’ अक्षरों के द्वारा एक सफेद वर्ग का निर्माण हुआ है ।यह सफेद वर्ग सादगी ,शुचिता तथा सामाजिक समरसता को दर्शाती है ।इस वर्ग की चारों भुजाएँ समकोण 90 डिग्री बनाती है।ये चारों समकोण समाज के विभिन्न वर्गों की भावनात्मक एकता का प्रतीक है।ये चारों ओर समकोण समाज के विभिन्न वर्गों की भावात्मक एकता का प्रतीक है। इस राज चिन्ह को झारखण्ड मंत्रीमंडल ने २००२ ई॰में स्वीकृति प्रदान की है ।इस राज चिन्ह का डिजाइन अमिताभ पांडेय ने बनायी है ।अमिताभ पांडेय राष्ट्रीय अभिकल्पना अहमदाबाद के डिजाईनर है।
खोरठा में
झारखंड राजेक पइरतीक चिनहा
झारखंड के पइरतीक चिनहा टा के ‘ राजेक चिन्हा ’ कहल जा हे । एकर चाइरो दने इंगलिस के चाइर गो ( J ) आखर हइ । एकर माँझे अशोक चकर हइ ।ई चकर जोर से चलेक ,बदलाव आर बाढेक पइरतीक हइ ।‘ जे ’ आखर के उपरे छोट – छोट बिन्दु हइ ।ई बिन्दु टैन से पता चलs हइ कि राजे बेस खुसी आर चाइरो दने हरियरे –हरियर हइ ,एकर पता चलs हइ । चाइरो जे आखर से ऐगो सादा चउखुट बनले हइ ।ई सादा चौखुट टा सीधा ,बेस सोंचेक आर गाँवेक एकता के बतावs हइ ।ई चोखुट के चाइरो भाग टैन से 90 डिग्री के कोन बने हइ ।ई चाइरो समकोण टा ऊँच – नीच जाइत के बीच दोस्ती बतावे हई ।ई राज चिनहा के झारखंड मंत्री गुला 2002 बच्छरे राजी होल हलथिन ।ई पइरतीक चिन्हा के रूप ढंग अमिताभ पानडे बनइले हलथिन । अमिताभ पानडे रासटरीय अभिकइल्पना संस्थानेक डिजाइनर हइ।