खोरठा व्याकरण अनेक शब्दों के एक शब्द ( ढेइर सबदेक एगो शब्द )

अनेक शब्द               —       एक शब्द

1- उ भूइयाँ जेकर में कुछो नाञ उपजे हे  — ऊसर (वह भूमि जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता है )

2-लिएक – दिएक बात        — पैसा -कौड़ी ( लेन – देन वाली बात )                                      

3-जेकर बिहा नाञ होले हे           — कुआँर ( जिसका विवाह नही हुआ है )

4- जे लूगा के नाञ पिंधल गेले है     — नावा लूगा(जिस वस्त्र को नहीं पहना गया है )

5- जे दूसर में ढेस लगावे हे      — ढेंसाहा (जो दूसरो पर आरोप लगाता है )

6-जे जेकर देही थल-थल हे     – मोटगर( जिसका शरीर मोटा है )

7-जे ऐने -ओने छिटकाइल हे      — छितराइल (जो इधर -उधर बिखरा हुआ)

8- जेकर ऐगो आँइख हे  — काना (जिसका एक आँख है )

9- जहाँ से दूगो राइस्ता छिनगाहे  — दूबटीया (जहाँ से दो रास्ता अलग होते हैं)

10- जे गाय दूध दे हे — लाघेर (जो गाय दूध देती है )

11-जेकर मुड़े चुइल नखे   — मुडरा (जिसके माथे पर बाल नहीं है)

12- जेकर आगु दने के चुइल उदड़ गेल हे   — चाँदिल ( जिसके माथे के आगे बाल नहीं है )

13- गरू-पठरू डिंगायक जगS   — गंउठ (जहाँ बैल – बकरी एकत्र होते हैं )

14- जे ठिना बिन मालिक के गुरू – पठरू के बाँधल जा हे — कानी होद ( जहाँ आवारा बैल बकरी को कैदकर रखा जाता है )

15- खेतेक धाइरे गाढ़ा जेकर में पानी रहे हे       —   डाँड़ी (खेत के किनारे का गड्ढा जिसमें पानी रहता है)

16- जे गरू के कुबड़ निकइल जा हे                 — कुबड़ /बसाहा (जिस बैल का कुबड़ निकल जाता है)

17- जहाँ बिहा होवS हे     —          मड़वा ( जहाँ विवाह होता है )

18-जे गोरू -छगरी के चरावे हे  —  गोरखिया ( जो बैल – बकरी को चराता है )

19- जे गाय -छगरी नाञ ढनुवाइ हे— बइहली ( जो गाय- बकरी बच्चा नहीं देती है )

20- जेटा पोइड़ गेले हे — पोड़ल ( जो जल गया है )

21-जेकर आगा धारदार हे —   चउंख ( जिसका मुँह धारदार हो )

22- जेकर सवाद पानी -पानी लागे हे — पइनसोर (जिसका स्वाद पानी जैसा लगता है )

23 – जे दू बाजी बिहा करे हे —    साँघा ( जो दो बार विवाह करता है )

24- जे छोड़ी घर से भाइग के बिहा करे हे       — उढ़इरी ( जो लड़की घर से भाग शादी करती है )

25- घर बाढ़ल के बाइद जे डिंगा हे  —   बढँना (घर मे झाड़ु लगाने के बाद जो जमा होता है)

26- जेकर माइ –बाप मोइर गेले हे   —    टूवर ( जिसका माँ – बाप मर गया हो )

27- जेटा लाल बरंग होवे हे  —   ललहुन ( जो लाल – रंग का होता है )

28 – जे जनी चर-चर बइयजके हे —   चेरचरी (जो स्त्री तीखा बोलती है )

29- झगड़ा करने वाला मरद  —   झगराहा (लड़ाई करने वाला मर्द )

30- झगड़ा करने वाली जनी    — झगराही ( लड़ाई करने वाली स्त्री )

31- जे जनी नाचे गावे हे — नचनी ( जो स्त्री नाच गान करती है )

32- जनी के भेंसें में नाचे वाला मरद — नटुआ ( स्त्री के भेष में नाचने वाला पुरूष )

Leave a comment