सरहुल परब | Sarhul Parab khortha nibandh

सरहुल परब  सबद दु सबद से बनल हे — सरइ  फूल जे बादे बिगइड़ के “ सरहुल ”   हेल , काहे की ई परबे सरइ गाछ आर ओकर फूल कर बेसी मान महातम हे । काहे कि एकर सरइ गाछ आर सरई फूल कर पूजन हेब हे।

सरहुल परब ई झारखण्डे खास करी के आदिबासी  जाइतेक परब लागे मगुर एखन एकर परभाव सदानों  में पावल जा लागल हे ।

सरहुल के परब पइत बछर चइत – बइसाख  महीनाञ्हे मनवल जाहे ।हाँ ई परब एके दिन नाञ् मनाय के फरक-फरक दिने मनवल जाहे ताव बेसी दिन क फरक नाञ् रह हे । एकर खातिर गाँवे बइठकी हेवहे । आर पहान दिन तय हेल बादे हाँक परावल जाहे ।

“ सरहुल ‘ मनवेक नेग ( विधान ) माने ई  परब तीन दिन मनवल जाहे । रूसा , सरना पूजन और फूल – खोंसी ।

(1) :–  रूसा :– सरहुल परब मनवेक दिन पहिले रूसा हेवहे ।ई दिन गाँवेक अदमी हार-फार ,जोत-कोड़ करेक ,पानी पटवेक काम नी कर हथ । जदी कोय जाइन-बुइझ के इया भुलाये के काम करहे तों जुरमानाक भागी बनहे ।ई दिन पहान आर पहनाइन उपासे रहहथ आर साइंझे सरना ठीन दू गो  घइला के अरवा सूता से लेपइट के सरना माँय (गाछ) लेपटेल जाहे । तेल-सिंदुर ,धूप-धूमन देइ के सूरूज  के हंकावल जाहे ।

(2) :– सरना पूजन :–  अरवा चाउर ,सेन्दुर ,धूप – धूमन  ,नावां सूप ,नावां तावा ,आर-पुजा (बलि) खातिर  चेंगना (मुरगा) तीन रंगेक(क) गाँवा देवता खातिर रंगुआ मुरगा ,सुरूज देवता खातिर चरक मुरगा आर बोन देवता खातिर करिया मुरगा ,ई सब लेइके सरनाक जगह जा हथ । हुआ चढ़ावा खातिर रोटी पकवल जाहे ,जकरा पहान डबकल तेल से हाथे निकाले हे । सोब नेग  करल बादे मुरगा (चेंगना ) काटल जाहे । एकर बादे घइलाक भोरेक पानी के देखल जाहे । पानी सोखहे तो कम पानी बइरसेक आर पानी नाञ सोखहे तव बेसी पानी बइरसेक भविसबानी करल जाहे ।

(3) :– फूलखोंसी – तेसर दिन पहान एगो नावां सूपे सरइ फूल लेइके पहनाइन संगे घारे-घारे सरइ फूल खोसहे । पहान के पइत  घारे   मान महातम हेवहे । पहान के घारेक गोमकाइन थारिञ गोड़ धोवहीक आर ऊ पानी के घारेक छाइने फेंइक दे हीक । पहान  आसीरबाद रूपे सरइ फूल देहे जकरा एगो साफा कपड़ाञ बांघी के राखहथ । जेठ  -आसाढ़े खेते बिहिन खातिर धान बहरावहथ तखन ई सरइ फूल के संगे तांबा काचा ,गोबर ,अछत लेइ के  धरती मांय के इयाद  करल जाहे ताकि धान बेस तरी उपजे ।

सरहुल पूजन कर राइते पहान धानेक बिहिन के आपन खेते पाँच  मुठा छीटहें आर बाक़ी बंचल धान के घार लानी के आरो किसान के देहे । पहान कर धान बुनल बाद्ही दोसर किसान धान बुनहथ ।

       ई नियर ई परब कर खेती  -बारी संग अटूट रिस्ता – नाता हे।

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