चाभी कथा एक रोमांटिक नाटक है जिसमें जीवन और संघर्ष का मेलजोल है। इस नाटक में चुनिंदा किरदारों की बातचीत, मजेदार संवाद और दिल को छू जाने वाली नाटक हैं, जो दर्शकों को एक यादगार अनुभव प्रदान करती हैं। इस नाटक में छिपे राज, भूतपूर्व प्रेम, और यात्रा का सफर, सभी को अपनी ओर खींचते हैं और दर्शकों को एक अद्वितीय साहित्यिक अनुभव मिलता है।
लेखक = श्रीनिवास पानुरी जी
प्रकाशक = बालिडिह खोरठा कमिटी ,बोकारो
संम्पादक = ‘ गिरधारी गोस्वामी ‘ अकाशखूँटी ’
प्रथम संस्करण = 2006 (पानुरी जी की 21वीं पुण्यतिथि )
दूसरा = 2019
लेखन वर्ष = 1980 से पहले
भूमिका लेखक = ‘ गिरधारी गोस्वामी ‘ आकाशखूँटी ’
उद्गार के = राम लीला रवानी
संम्पादन सहयोगी = श्याम सुंदर केवत ‘ रवि ‘
लेखक परिचय दिया गया है = बिनोद रवानी
नाटक में कुल अंको की संख्या = 1
नाटक में कुल दृश्यों की संख्या = 20
पात्रों की संख्या = 19 ,पुरुष =14 ,महिला = 5
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पात्र परिचय —
1 – शंभू – एक क्रांतिकारी (BA पास )
2 – कालूरम – साहुकार /जमींदार ( बाहर से आकर बना साहुकार )
3 – बाबा – गाँव का एक बूढ़ा
4 – नाती – गाँव का एक जिज्ञासु लड़का
5 – रती राम – शहरी युवक ( धनबाद शहरेक बाबू ,जे शंभू के आपन धारेक छउआ पढ़वेक काम देय हय )
6 – राधों – शहरी युवक
7 – संतु – कालूराम का लठैत
8 – श्रीपति – एक ग्रामीण ( एगो गरीब लोक जकर जमीन –जगह कालूराम ओंगठा लगाइ के लुट ले हई )
9 – फकीरा – कालूराम के मुंशी
10 – जाट् – एक ग्रामीण
11 – मोती – ( चुटरा बाप ) – विदूषक
12 – खेचा – एक ग्रामीण
13 – रोहण – कालूराम का बेटा
14 – सिंह जी – कालूराम का लठैत
स्त्री पात्र ;-
1 – सोहागी – शंम्भु की माँ
2 – सोमरी -गाँव की एगो जनी जकरा कालूराम के चंगुल से शम्भु छोव है ।
3 – चुटरी गाय – विदूषक की पत्नी
4 – यमयती – एक शिक्षित युवक
5 – कर्मी – गांव की दलाल औरत
कमल – शम्भु दोस्त
मंगला – एगो गरीब जनी बेटी जकरा कालूराम के शोषण से शम्भु बचावे है ।
पंचनन बाब – कांग्रेसी उम्मीदवार धनीराम
पहला दृश्य – पात्र – शम्भु है
- त्रियां चरित्रम पुरूषस्य भाग्यम् देवो ने जानाति कुतः मनुष्यः अर्थात स्त्री और पुरूष के चरित्र का पता देवों को भी नहीं होगा ।
दोसर दृश्य – सोहागी = शम्भु की माँ और शम्भु
- 10 वर्ष की उम्र में शम्भु के पिता गुजर चुके थे ।
तीसरा दृश्य – बाबा और नाती
चौथा दृश्य – शम्भु
पाँचवा दृश्य – शम्भु राघो ,रति राम
छठा दृश्य – पात्र कालूराम ,संतु ,श्रीपति
सातवां दृश्य – कालुराम ( जनताक संग ) , जादू (एगो ग्रामीण)
आठवां दृश्य – रतिराम , शम्भु
नौवां दृश्य – मोती ,चुटरी , गाय
दसवां दृश्य – सोहागी , शंम्भु
ग्यारहवां दृश्य – खेपा
“चाभी कथा, वह नाटक है जो हमें एक रोमांटिक सफर पर ले जाता है। यह कहानी रिश्तों की मिठास को छूने का प्रयास करती है, बल्कि यह हमें जीवन के संघर्षों को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करती है। नाटक में हंसी, रोमांस, और दोस्ती की भरपूर राह है, जिससे छात्रों को न केवल मनोरंजन का अनुभव होता है, बल्कि वे इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करना भी चाहेंगे। एक सुंदर नाटक जो सपनों को पर्दे पर जीवंत कर देता है और छात्रों को एक अद्वितीय साहित्यिक अनुभव प्रदान करता है।”