झारखण्ड का प्राचीन इतिहास
प्राचीन काल में छोटानागपुर एक पूर्ण वन क्षेत्र था। सघन वनों एवं पहाड़ियों से परिपूर्ण यह क्षेत्र कैमूर और विंध्य पहाड़ियों से घिरा था। असुर, खड़िया, बिरहोर यहां की प्राचीन जनजातियां हैं।
प्राचीन काल में छोटानागपुर एक पूर्ण वन क्षेत्र था। सघन वनों एवं पहाड़ियों से परिपूर्ण यह क्षेत्र कैमूर और विंध्य पहाड़ियों से घिरा था। असुर, खड़िया, बिरहोर यहां की प्राचीन जनजातियां हैं।
अनेक स्रोत यह बताते हैं कि झारखंड के अधिकांश जनजातियों वैदिक आर्य लोग जो ऋग्वैदिक युग में उत्तर पश्चिम भारत में तथा उत्तर-वैदिक युग में उत्तर भारत में अपना प्रसार कर रहे थे उनके विरोधी थी।
प्राचीन काल में मानभून जैन सभ्यता और संस्कृति का केंद्र था। झारखंड की पार्श्वनाथ पहाड़ी, कसाई और दामोदर नदी घाटी , तुईसामा , देवल , पाकबीरा , गोलमारा , पवनपुर ,पालमा , कतरास , गोडाम तथा पलामू जिले के हनुमाड गांव स्थित प्रमुख जैन स्थलों से जैन धर्म के प्रसार का साथ मिलता है।
1. कपार बथेक – तकलीफ होवेक
2. काठ मारेक – हतप्रभ होवेक
3. कपार फाटेक – नसीब खराब होवेक
4. करजा ठंढा होवेक – बदला पूरा होवेक
झारखंड का इतिहास एवं संस्कृति के प्राचीन काल से लेकर वर्तमान काल तक गौरवशाली परंपरा रही है। झारखंड का इतिहास एवं संस्कृति के निर्माण में जनजाति समाज का अमूल्य योगदान रहा है।
झारखंड में जनजातीय समूह की 2011 ई जनगणना के अनुसार 8645 042 राज्य की कुल जनसंख्या का 26.2% है। ग्रुप से से ज्यादा जनजातियां का निवास करती है, जिनमें 8 आदिम जनजाति एवं 24 अनुसूचित जनजाति के रूप में चिन्हित है, आदिम जनजाति की कुल जनसंख्या 29,2359 है जो राज की कुल जनसंख्या का 2.4 प्रतिशत है ।
परिभासा
नागपुरी लोक भाषा हेके सेके इकर में लिंग निर्नय कर बगरा समस्या नखे । लिंग कर माने होवेला जेकर से पुरुष (पुरुख) चाहे स्त्री (जनी) जात के पहचान होवे ।
परिभासा – सबद मन कर पाछे जोन अछर इया अछर समूह लगाल जायला उके प्रत्यय कहल जायला |
प्रत्यय दुइ सबद कर मेल प्रति+अय से बईन हे प्रति कर माने साथ में पाछे, बादे आउर ‘अय’ कर माने होवेला चालेकवाला । कहेक माने कोनो सबद कर पाछे लाइग के चालेक वाला अविकारी सबद ।
# उपसर्ग किसे कहते है?
उपसर्ग उसन सबद कर अंस इया अव्यय के कहयँना जे कोनों सबद कर पहिले आयके कोनों बिसेस अरथ परगट करेला ।
परिभासा = कोनवे भासा कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता होवेला,नागपुरियो कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता हय मुदा संज्ञा कर बाबइत नागपुरी संज्ञा हिन्दी संज्ञा लखे हय ।
0 निदी शून्य
1 ओंद एक
2 एँड़ दो
3 मून्द तीन
Jharkhand is a blessed land with the natural gift of immense mineral potential and other natural resources. Jharkhand state enjoys a strong position on the mineral map of the country.
Heredity & Environment :- जब अनुवांशिक (Genes) गुण (आंख, नाक, रंग, चिंतन, लंबाई, बुद्धि आदि) एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में Transfer होते हैं उसे अनुवांशिकता या वंशानुक्रम कहते हैं ।
वृद्धि (Growth) जब हमारे शरीर की संरचना या आकार बढ़ना शुरू होता है उसे वृद्धि कहते है ।
वर्ष 2002 में संविधान के 86 वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 21 ए के भाग 3 के माध्यम से 6 से 14 वर्ष तक के सभीबच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था।
शिक्षा समिति एवं शिक्षा आयोग भारत में स्वतंत्रता पूर्व बनी शिक्षा समितियां आयोग कोलकाता विश्वविद्यालय परिषद :- कोलकाता विश्वविद्यालय परिषद का गठन 1818 में हुआ । >चार्ल्स वुड समिति :- इस समिति का गठन 1824 में चार्ल्स वुड द्वारा किया गया है इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है > हंटर शिक्षा आयोग … Read more
खोरठा अनुवाद — हिन्दी प्रारूप 1 – हाम बेमान नाञ ही । मैं बेईमान नहीं हूँ 2 – ऊ घुसखोर नाञ हइ । वह घुसखोर नहीं है । 3 – राम ईमानदार नाञ हइ राम ईमानदार नहीं है। 4 – तोंइ खराब नाञ हें। तुम बुरा नहीं हो । 5 – हामिन निरदइ नाञ … Read more
(1) कुँड़ुख़ एका परिवार ता भाख़ा तली ?
(a) आर्य
(b) द्रविड़
(c) आस्ट्रीक
(d) बर्मी
उत्तर- (b)
1857 के विद्रोह में झारखंड:– Q.1- झारखंड में 1857 के विद्रोह की शुरुआत कब हुई? (A) 10 मई 1857 को (B) 12 मई 1857 को (C) 10 जून 1857 (D) 12 जून 1857 Q2. झारखंड में 1857 के विद्रोह की शुरुआत किस स्थान से हुई थी? (A) ओरमांझी ,रांची (B) पदमा, हजारीबाग (C) चैनपुर, पलामू … Read more
झारखंड में पूरे हर्षोल्लास के साथ त्योहारों को मनाया जाता है झारखंड राज्य में बनाए जाने वाले त्योहारों झारखंड का भारत में सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत उपस्थिति का पता चलता है हालांकि झारखंड के मुख्य आकर्षण आदिवासी देवारा के उत्सव में होता है।