खोरठा पत्र-पत्रिकाएँ एवं संपादक

पत्रिका                                     संपादक का नाम 1. मातृभाषा (धनबाद )                श्रीनिवास पानुरी 2. खोरठा (धनबाद)                    श्रीनिवास पानुरी 3. तितकी ( धनबाद)                    श्रीनिवास पानुरी 4. तितकी (कतरास)                विश्वनाथ दसौंधी ” राज “ 5 .तितकी (रामगढ़)            ” झारपात ” (ए.के झा ) 6 .तितकी (बोकारो)   दिनेश दिनमणि+शांति भारत 7. लुआठी(बालीडीह )         गिरिधारी गोस्वामी ‘आकाश खूंटी ‘ 8 .इजोर ( देवघर)              धनजय प्रसाद 9.सहिया( बोकारो)             अनिल कुमार गोस्वामी 10.धरतीथान … Read more

खोरठा के विलोम शब्द ( उल्टे अरथेक सबद )

खोरठा के विलोम शब्द

शब्द     विलोम शब्द            शब्द — विलोम शब्द
1-ढाँगा — ठुरका                   लम्बा — नाटा
2 -ढाँगी — ठुरकी                  लम्बी — नाटी

खोरठा  संज्ञा ( संइगा ) | khortha vyakaran sangya

खोरठा  संज्ञा ( संइगा )

हिन्दी जइसन खोरठा में कोनों चीजेक नाम , जगS के नाम ,कोनो गोंठ -तोंठ ,भाभ- विचार ,के नाम के संइगा कहल जा हे । (हिन्दी जैसा खोरठा में किसी स्थान ,समूह ,भाव आदि को संज्ञा कहा जाता है ) जैसे :-राम, चीनी ,पटना ,सैनिक आदि ।

खोरठा भाषा में दैनिक उपयोग में आने वाले वाक्य

खोरठा भाषा में दैनिक उपयोग में आने वाले वाक्य

खोरठा प्रारूप       —           हिन्दी प्रारूप

1-  ई ऐगो गाय हइ ।               यह एक गाय है।

2- ई ऐगो बकरी हई ।              यह एक बकरी है ।

खोरठा भाषा ( भासा ) के प्रचलित शब्दकोष अ ,आ ,इ

क्रिया  के ‘  अ ‘  शब्द

        हिन्दी अर्थ             —-           खोरठा शब्द                           

(1)      अकबकाना               —-         अकबकाएक

(2)  अनुपस्थित होना              —-          नागा होवेक

खोरठा व्याकरण अनेक शब्दों के एक शब्द ( ढेइर सबदेक एगो शब्द )

खोरठा व्याकरण अनेक शब्दों के एक शब्द

अनेक शब्द               —       एक शब्द

1- उ भूइयाँ जेकर में कुछो नाञ उपजे हे  — ऊसर (वह भूमि जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता है )

2-लिएक – दिएक बात        — पैसा -कौड़ी ( लेन – देन वाली बात )

खोरठा भाषा ( भासा ) में कब ,क्यों ,कैसे का प्रयोग

1-  तोंइ इसकूल कखन जिबे ?                             तुम विद्यालय कब आओगे ?

2- अधिकारी ऑफिस में कखन अइतो ?               अधिकारी कार्यालय में कब आयेगा ?

3- मास्टर कखन अइतो ?  शिक्षक कब आयेंगें  ?

 खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेख

खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेख

खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेखन क्या है

आजकल विभिन्न परीक्षाओ एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुच्छेद लिखने के लिए कहें जाते हैं । अनुच्छेद हिन्दी में दिये रहते हैं जिसका अनुवाद अपनी भाषा में करना होता है।

Santhali bhasha vyakaran sangya | संथाली व्याकरण संज्ञा(ञुनुम )

Santhali bhasha vyakaran sangya

संज्ञा  ( ञुनुम ) :–किसी व्यक्ति ,वस्तु आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं ।जैसे :- होड़ , गाय  मोहोन । संताली भाषा संज्ञा मुख्यतः सजीव और निर्जीव अर्थात् प्राणिवाचक और अप्राणिवाचक (वस्तुवाचक ) दो भागों में बांटी गयी है।

खोरठा भाषा में पत्र लेखन | khortha bhasha patra lekhan

खोरठा भाषा में पत्र लेखन

खोरठा में पत्र लेखन हेतु मार्ग दर्शन : पत्र लेखन एक कला है ।एक अच्छा पत्र वह होता है , जिसमें संक्षेंप में सरल भाषा अपनी बात व्यक्त की गई हो ।आप भी एक अच्छा पत्र लिख सकतें है

JSSC NAGPURI LITERATURE AND LANGUAGE SYLLABUS

JSSC NAGPURI LITERATURE AND LANGUAGE SYLLABUS

नागपुरी भाषा साहित्य पाठ्यक्रम 1. व्याकरण – वर्ण,संज्ञा,सर्वनाम,लिंग,वचन,कारक,विशेषण,क्रिया विशेषण,अव्यय,उपसर्ग,प्रत्यय,काल, क्रिया,वाक्य,समास,अनेक शब्द के बदले एक शब्द, विलोम शब्द, समानार्थी शब्द,मुहावरे एवं कहवाते,वाक्य शुद्धि । 2. साहित्य – (क) नागपुरी लोक साहित्य – लोक गीत, लोक    कथा ,पहेली,कहावत, मुहावरे । (ख) लोक गीत – डमकच ,पावस,उदासी,फगुवा पंचरंगी, फगुवा पुछारी ,झूमर,अंगनई, लहसुआ झुमआ, सोहराई गीत । (ग) नागपुरी … Read more

नागपुरी संस्थान

नागपुरी संस्थान पिठोरिया में स्थापित है। इस संस्थान ने नागपुरी भाषा के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

नागपुरी व्याकरण के पर्यायवाची शब्द

नागपुरी व्याकरण के पर्यायवाची शब्द

नागपुरी भाषा में हिन्दी की तरह हीं एक शब्द के कई रूपों का प्रयोग किया जाता हैं ।उसे नागपुरी भाषा में पर्यायवाची शब्द कहते हैं ।

नागपुरी व्याकरण विलोम शब्द  (  उल्टा शब्द )

नागपुरी व्याकरण विलोम शब्द  (  उल्टा शब्द )

शब्द       विलोम शब्द       शब्द         विलोम शब्द

ढाँगा           ढ़ेपचा             लम्बा                  नाटा

ढाँगी           ढ़ेपची             लम्बी                  नाटी

थुल-थुल     लिटिर-पिटिर    मोटा       दुबला-पतला

खोरठा भाषा में प्रत्यय ( परतइय )|khortha bhasha mien pratyay

खोरठा भाषा में प्रत्यय

जो शब्दांश शब्दों के बाद लगकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं या उसके अर्थ को बदल देते है ,प्रत्यय कहलाते हैं।

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