jtet question paper 2016 pdf download | कुँड़ुख़ भाषा(6-8)
1- कत्थ खीरी पुथि एका बछर बींड़रा ?
(a) 1990
(b) 1980
(c) 1985
(d)1992
उत्तर- (a)
1- कत्थ खीरी पुथि एका बछर बींड़रा ?
(a) 1990
(b) 1980
(c) 1985
(d)1992
उत्तर- (a)
पत्रिका संपादक का नाम 1. मातृभाषा (धनबाद ) श्रीनिवास पानुरी 2. खोरठा (धनबाद) श्रीनिवास पानुरी 3. तितकी ( धनबाद) श्रीनिवास पानुरी 4. तितकी (कतरास) विश्वनाथ दसौंधी ” राज “ 5 .तितकी (रामगढ़) ” झारपात ” (ए.के झा ) 6 .तितकी (बोकारो) दिनेश दिनमणि+शांति भारत 7. लुआठी(बालीडीह ) गिरिधारी गोस्वामी ‘आकाश खूंटी ‘ 8 .इजोर ( देवघर) धनजय प्रसाद 9.सहिया( बोकारो) अनिल कुमार गोस्वामी 10.धरतीथान … Read more
शब्द विलोम शब्द शब्द — विलोम शब्द
1-ढाँगा — ठुरका लम्बा — नाटा
2 -ढाँगी — ठुरकी लम्बी — नाटी
हिन्दी जइसन खोरठा में कोनों चीजेक नाम , जगS के नाम ,कोनो गोंठ -तोंठ ,भाभ- विचार ,के नाम के संइगा कहल जा हे । (हिन्दी जैसा खोरठा में किसी स्थान ,समूह ,भाव आदि को संज्ञा कहा जाता है ) जैसे :-राम, चीनी ,पटना ,सैनिक आदि ।
खोरठा में लिंग के माने मरद – जाइत आर जनि – जाइत के होवे हे । एकर में खाली जीव-जन्तु के लिंगेक विचार होवे हे ।
खोरठा प्रारूप — हिन्दी प्रारूप
1- ई ऐगो गाय हइ । यह एक गाय है।
2- ई ऐगो बकरी हई । यह एक बकरी है ।
क्रिया के ‘ अ ‘ शब्द
हिन्दी अर्थ —- खोरठा शब्द
(1) अकबकाना —- अकबकाएक
(2) अनुपस्थित होना —- नागा होवेक
अनेक शब्द — एक शब्द
1- उ भूइयाँ जेकर में कुछो नाञ उपजे हे — ऊसर (वह भूमि जिसमें कुछ भी पैदा नहीं होता है )
2-लिएक – दिएक बात — पैसा -कौड़ी ( लेन – देन वाली बात )
1- तोंइ इसकूल कखन जिबे ? तुम विद्यालय कब आओगे ?
2- अधिकारी ऑफिस में कखन अइतो ? अधिकारी कार्यालय में कब आयेगा ?
3- मास्टर कखन अइतो ? शिक्षक कब आयेंगें ?
खोरठा भाषा में अनुच्छेद लेखन क्या है
आजकल विभिन्न परीक्षाओ एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में क्षेत्रिय एवं जनजातीय भाषा में अनुच्छेद लिखने के लिए कहें जाते हैं । अनुच्छेद हिन्दी में दिये रहते हैं जिसका अनुवाद अपनी भाषा में करना होता है।
संज्ञा ( ञुनुम ) :–किसी व्यक्ति ,वस्तु आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं ।जैसे :- होड़ , गाय मोहोन । संताली भाषा संज्ञा मुख्यतः सजीव और निर्जीव अर्थात् प्राणिवाचक और अप्राणिवाचक (वस्तुवाचक ) दो भागों में बांटी गयी है।
खोरठा में पत्र लेखन हेतु मार्ग दर्शन : पत्र लेखन एक कला है ।एक अच्छा पत्र वह होता है , जिसमें संक्षेंप में सरल भाषा अपनी बात व्यक्त की गई हो ।आप भी एक अच्छा पत्र लिख सकतें है
जो शब्दों से पहले लगकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देतें हैं या उसके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं ।
नागपुरी भाषा साहित्य पाठ्यक्रम 1. व्याकरण – वर्ण,संज्ञा,सर्वनाम,लिंग,वचन,कारक,विशेषण,क्रिया विशेषण,अव्यय,उपसर्ग,प्रत्यय,काल, क्रिया,वाक्य,समास,अनेक शब्द के बदले एक शब्द, विलोम शब्द, समानार्थी शब्द,मुहावरे एवं कहवाते,वाक्य शुद्धि । 2. साहित्य – (क) नागपुरी लोक साहित्य – लोक गीत, लोक कथा ,पहेली,कहावत, मुहावरे । (ख) लोक गीत – डमकच ,पावस,उदासी,फगुवा पंचरंगी, फगुवा पुछारी ,झूमर,अंगनई, लहसुआ झुमआ, सोहराई गीत । (ग) नागपुरी … Read more
नागपुरी संस्थान पिठोरिया में स्थापित है। इस संस्थान ने नागपुरी भाषा के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
नागपुरी भाषा में हिन्दी की तरह हीं एक शब्द के कई रूपों का प्रयोग किया जाता हैं ।उसे नागपुरी भाषा में पर्यायवाची शब्द कहते हैं ।
शब्द विलोम शब्द शब्द विलोम शब्द
ढाँगा ढ़ेपचा लम्बा नाटा
ढाँगी ढ़ेपची लम्बी नाटी
थुल-थुल लिटिर-पिटिर मोटा दुबला-पतला
जो शब्दांश शब्दों के बाद लगकर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं या उसके अर्थ को बदल देते है ,प्रत्यय कहलाते हैं।
हिन्दी भासा जइसन खोरठा में अरथ वाला गुइल -गाहाइर जेके कोनों अरथ निकले ओकरा सबद कहल जा हे।