नागपुरी भाषा उपसर्ग | Nagpuri vyakaran upsarg
नागपुरी भाषा उपसर्ग,नागपुरी व्याकरण उपसर्ग,Nagpuri vyakaran upsarg
# उपसर्ग किसे कहते है?
उपसर्ग उसन सबद कर अंस इया अव्यय के कहयँना जे कोनों सबद कर पहिले आयके कोनों बिसेस अरथ परगट करेला ।
ई दूइ सबद (उप+सर्ग) कर जोग से बनेला । उप कर होवेलानइजका , भीरे आउर सर्ग कर अर्थ होवेला – सृष्टि करेक । कहेक माने उपसर्ग कर अरथ होलक – भीरे आयके दोसर नाँवा अरथ वाला सबद बनायक ।
उपसर्ग से –
- उपसर्ग कर स्वतंत्र अरथ नि होवेला ।
- सबद कर अरथ में बदलाव आवेला ।
- सबद कर अरथ में नाँवा बिसेसता आवेला ।
- संगति नि बइठले उपसर्ग कर कोनों अरथ नि निकले ।
उदाहरन =
अ – अकारन, अकाल, अबर
अन – अनजान , अनचिन्ह
अध – अधमोरा , अधकचरा
कु – कुपुत ,कुमारगी ,कुचर
बे – बेहया , बेघर ,बेमतलब
सु – सुजोग, सूघर, सुपट
नि – निठुर, निरांग , निपांगुर
दूर – दूरदसा , दूरभाइग ,दुरजन
स – सरस ,सपूत ,सफल
बि – बिराम ,बिकार ,बिनास
उन – उनतीस, उनचालीस , उनचास
अव – अवगुन , अवधूत ,अवतार
अध – अधमोरा, अधकचरा, अधकपारी
पर – परयोग ,परचार ,परभाव
निर – निरदोश ,निरमल ,निरजीव