नागपुरी भाषा (संग्या) व्याकरण | नागपुरी भाषा संज्ञा

नागपुरी भाषा संज्ञा संग्या 1 edited 1

नागपुरी भाषा (संग्या) मे संग्या किसे कहते है ?

परिभासा = कोनवे भासा कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता होवेला,नागपुरियो कर आपन बेयाकरनिक बिसेसता हय मुदा संज्ञा कर बाबइत नागपुरी संज्ञा हिन्दी संज्ञा लखे हय । संज्ञा के कोनो जिनिस,ठाँव,भाव चाहे नाँव कर होवेला ।कोनो नाँव, भाव, ठाँव चाहे जिनिस कर बोध होवे उके संज्ञा कहल जायला । संज्ञा कर नागपुरियो में हिन्दी लखे पाँच गो भेद हय –

नागपुरी भाषा संज्ञा के पाँच गो भेद हय :-

1. व्यक्ति वाचक संज्ञा 2. जाति वाचक संज्ञा 3. समूह वाचक संज्ञा 4. भाव वाचक संज्ञा  5. द्रव्य वाचक संज्ञा

1. व्यक्ति वाचक संज्ञा = जोन सबद से कोनो एक वस्तु चाहे व्यक्ति कर बोध होवे उके व्यक्ति वाचक संज्ञा कहल जायला ।

व्यक्ति (बेकती) वाचक संज्ञा ई लखे होवेला –

(क) अदमी कर नाँव – मंगरा ,ढेबले, शकुन्तला,बसंती

(ख) देस मानक नाँव – आसाम ,भोटांग,नेपाल,भारत

(ग) नदी कर नाँव – कोइल,कारो,संख,गंगा,जमुना

(घ) दिसा कर नाँव – पूरब,पक्षिम,उतर,भंडार कोना

(ड) पहार मानक नाँव – घेरा पहार, हिमालय, डोम्बारी पहार,पाट

 पहार, बंगरू पहार ।

(च) परब मानक नाँव – करम ,सरहुल, सोहराइ, जितिया, बहुरा, फगुवा ।

(छ) किताब कर नाँव – रमाइन, कुरान, बाइबिल ,सहिया, पक्षरा, स्मारिका ।

(ज) दिन/महिना कर नाँव – सोमर,मंगर,बिफे,पुस,माघ,जेठ, आसाढ, फागुन, कार्तिक, सावन, भादो ।

(झ) घटना/एतिहासिक लड़ाई – लरका विद्रोह,सरदार विद्रोह,ताना आन्दोलन ।

2. जाति (जाइत) वाचक संज्ञा – जोन सबद से कोनो एक बरन इया एक मधे एक जिनिस चाहे अदमी बोध होवे उके जाति (जाइत) वाचक संज्ञा कहल जायला ।

जइसे –

(क) प्राकृतिक नाँव – धुका, बरंडो,बरखा

(ख) जिनिस मानक नाँव – घर,गोहार,पहार,किताब

(ग) पशु-पंछी मानक नाँव – खरहा,कउवा,घोडड़ा-मेंजुर

(घ) हित-नाता, काम-धंधा, ओहदा मानक नाँव – मास्टर,ठग, बाहमन,राजपूत,बहिन,राजा मजूर |

3. समूह वाचक संज्ञा – जोन सबद से कोनो जिनिस चाहे अदमी कर जमात कर बोध होवे उके समूह वाचक संज्ञा कहल जायला ।

जइसे – पंचाइत ,पेठिया,जतरा,कुधा,मेला,बथान,गोछा ।

4. भाव वाचक संज्ञा – जोन सबद से कोनो जिनिस कर गुन इया उकर दसा कर बोध होवे उके भाव वाचक संज्ञा कहल जायला ।

जइसे – बुढांरी, जवानी, अकबकी ,दुलार, ममता, एरंगा, सहियारो, गोतियारो ।

5. द्रव्य वाचक संज्ञा – जोन सबद से कोनो द्रव्य कर(नापेक,जोखेक,तोवलेक वाला) बोध होवे उके द्रव्य वाचक संज्ञा कहल जायला ।

जइसे – लोहा,कोयला,सोना,पानी,दूध ।

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