खोरठा में पत्र लेखन हेतु मार्ग दर्शन : पत्र लेखन एक कला है ।एक अच्छा पत्र वह होता है , जिसमें संक्षेंप में सरल भाषा अपनी बात व्यक्त की गई हो ।आप भी एक अच्छा पत्र लिख सकतें है ,
इसके लिए निम्नांकित तथ्यों को याद रखें :–
1:– पत्र में लिखने वाले का पूरा पता तथा तिथि उपयुक्त स्थान पर लिखें ।
2 :– जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा हो उसके लिए उचित सम्बोधन का प्रयोग करना चाहिए ।जैसे — पूज्य ,पूजनीय , आदरणीय ,मान्यवर , महोदय ,आदि ।
3 :जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा हो उसके लिए उचित अभिवादन का प्रयोग करना चाहिए ।जैसे — सादर प्रणाम ,चरण स्पर्श ,सादर नमस्ते,नमस्कार आदि ।
4 :– पत्र की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए ।
5 :–पत्र में अपनी बात संक्षेप में रखे ।
6 :–प्रार्थना पत्रों में संबंधित अधिकारियो के सम्मान पूर्ण भाषा प्रयोग करें तथा अपनी प्रार्थना स्वीकार करने लिए तर्कपूर्ण कारण दें ।
7 .–पारिवारिक पत्रों में आत्मीय ,स्नेहयुक्त भाषा का प्रयोग करें ।
(क) — पत्र के अंग :–
1:-पत्र लेखक के स्थान का उल्लेख
2 :– पत्र लेखन की तिथि
3 :– पत्र पाने वाले का अभिवादन
4 :– समाचार
5 :– पत्र की समाप्ति पर लेखक नाम
6:– पत्र पाने वाले का नाम और पता
(ख) –पत्रों के प्रकार :–
(1) प्रार्थना -पत्र
(2) निजी या पारिवारिक पत्र
(3) व्यावसायिक पत्र
(4) सरकारी पत्र
(ग) :– यहाँ प्रार्थना -पत्र निजी ,पारिवारिक पत्र का उल्लेख किया जा रहा है :– पत्रों से सम्बंधित सम्बोधन ,अभिवादन ,समापन की तालिका
सम्बंध <-> संबोधन < -> अभिवादन < – > समापन
(1)बड़ो को ,माता ,पिता ,गुरू , <—> पूज्य ,पूजनीय , <–> सादर प्रणाम ,चरण स्पर्श , <–> आपका
आज्ञाकारी
(2)बड़ा भाई ,चाचा आदि <–> परमपूज्य ,माननीय , <—> सादर नमस्कार < –> आपका कृपाकंक्षी,विनित स्नेह भाजन
(3)मित्र को <—> प्रिय मित्र , प्रिय मोहन ,प्रिय बंधु ,बंधु वर, < — > नमस्ते < –> तुम्हारा मित्र ,तुम्हारा हितैषी
(4)बराबर वालों को <—> प्रिय भाई ,प्रिय बहन ,प्रिय बंधु ,बन्धुवर <– > नमस्ते , नमस्कार –तुम्हारा मित्र
(5)छोटों को < —> प्रिय ……………….. आशीर्वाद ,सुखी रहो < — > तुम्हारा शुभचिंतक आयुष्मान …………… , चिरंजीव रहो तुम्हारा हितैषी चिरंनजीव……………
(6)पत्नी को <—> प्रिय …………. < —> सस्नेह ,नमस्ते <—-> तुम्हारा प्रिये ………….
(7)पति को < — > प्रियवर ,प्रियतम <– > नमस्ते ,प्रणाम < —- > तुम्हारी , आपकी
(8)अपरिचितों को <—> श्रीमान ,महोदय ,महोदया < — > नमस्ते <–>- भवदीय
(9)अधिकारियों को —- श्रीमान् ,मान्यवर <—-> महाशय <—-> भवदीय ,निवेदक प्राथी
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खोरठा भाषा में पत्रों के उदाहरण :–
1.–प्रार्थना पत्र या आवेदन पत्र
प्रश्न (1) :- अपनी भाषा में विद्यालय के प्रधानाध्यापक /प्राचार्य को अवकाश के लिए प्रार्थना- पत्र लिखिए ।
हिन्दी प्रारूप में प्रार्थना पत्र लेखन :–
सेवा में ,
श्रीमान ,प्राधानाध्यापक महोदय,
राजकीय उच्चविद्यालय ,
मोराबादी ,राँची ।
महाशय ,
सविनय निवेदन है कि कल सायं विद्यालय से आते हीं मुझे ज्वर हो गया था। डॉक्टर ने मुझे चार दिन विश्राम करने की सलाह दी है ,अतः मैं 24-10-2021 से 28-10-2021 तक विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकूँगा ।
आपसे प्रार्थना है कि इन चार दिनों का अवकाश स्वीकृत करने की कृपा करें । इस कृपा के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा ।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र
दिनांक :- 24-10-2021 नाम:- मुकेश कुमार
कक्षा:– छः(क)
अनुक्रमांक :-10
अभिभावक के हस्ताक्षर
——-
खोरठा प्रारूप में पत्र :–
सेवा में ,
सिरमान हेडमास्टर महोदय,
सरकारी हाइ इसकूल,
मोराबादी ,राँची ।
महासय ,
सविनय निबेदन हे कि काइल साँझ इसकूल से आबल बाइद हमरा बोखार होइ गेलइ ।डाक्टर टा हमरा चार दिन आराम करे कहले हइ ।ई खातिर हाम 24-10-2021 से 28-10 -2021 तइक इसकूल नाञ आवे पारबइ ।
तोहर से बिनती हे कि ई चार दिन टा के छुटी मँजुर करेक किरपा करहिया ।ई किरपा खातिर हाम तोहर हरदइम आभारी रहबो ।
धइनवाद तोहर बातमनवइया छउवा
तारिख :-24-10-2021 नाम:-मुकेश कुमार
गारजन के साईन कलास -छो (क)
रोल न. 10