Dr. Vinod Kumar, Hindi Literature, Jharkhand Author, Tribal Languages, PhD Scholar, Literary Critic, Khortha Language, Literary Publications, Indigenous Stories, Cultural Heritage, Academic Achievements, Literary Awards, Regional Languages, Literary Journals, Literature and Society, Native Dialects, Cultural Preservation, Creative Writing, Academic Contributions, Indigenous Knowledge.
विनोद कुमार खोरठा लेखक परिचय
जन्म-18 नवम्बर 1961
निवासी – ग्राम – दारूडीह , दारू , हजारीबाग ,झारखंड
पिता – श्री मथुरा प्रसाद ॰
माँ – सुगवन्णति देवी
संरक्षक – छोटे पिताश्री देवनारयन कुमार (अधिवक्ता )
शिक्षा ( पढ़ाई ) – (खोरठा भाषा हिन्दी)
UGC एनईटी 1990 ,PHD ,के लिए शोधरत (2006)
सेवा — अध्यापन
1 – अवैतनिक सेवा स्नातकोत्तर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग राँची विश्वविद्यालय ।
2 – सम्प्रति व्याख्याता ( खोरठा भाषा ) जनजातिय जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग राँची कॉलेज ।
प्रकाशित रचनाएँ –
1 – खोरठा गइद पइद संग्रह (सहयोगी संपादक )
2 – खोरठा लोक कथा ( संपादक सलाहकार )
3 – खोरठा सहित सदानिक वेयाकरण ( छोट खांट रूप )
4 – सोंध माटी – 1st edition à 1990
जंजातिय भाषा अकादमी ,
आदिवासी कल्याण आयुक्त ,राँची (बिहार) से प्रकाशित मुद्रक अन्नपूर्णा प्रेस एंड प्रोसेस राँची ।
5 – 1- राँची एक्सप्रेस
2 – प्रभात खबर
3 – छोटानागपुर रश्मि प्रवेशांक
6 – पत्रिका
1- आदिवासी
2 – तितकी
3 – डहर
4 – नागपुरी कला सांगम राँची की स्मारिका
5 – चित्रगुप्त परिवार
7 – 1 – रूसल पुटूस ( कविता संग्रह )
2 – एक टोकी फूल (तितकी)
3 – खोरठा गद्य- पद्य संग्रह में रचनाएँ प्रकाशित
4 – आकाशवाणी एवं दूरदर्शन, राँची से विभिन्न विधाओं में रचनाओं को प्रकाशित हुए ।
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